Super Exam General Studies Philosophical Trends in India / भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां Question Bank भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां

  • question_answer
    निम्न कथनों पर विचार करें -
    1. चार्वाक दर्शन नास्तिकवादी एवं अनीश्वरवादी है।
    2. चार्वाक सिद्धांत ‘पृथ्वी’, ‘जल’, ‘अग्नि’, एवं आकाश को मान्यता देता है। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1                    

    B) केवल 2

    C) 1 और 2                   

    D) न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - केवल 1
    व्याख्या - कथन 1 सत्य है, जबकि कथन 2 असत्य है। चार्वाक सिद्धांत 4 ही तत्वों को मान्यता देता है और इसके अनुसार स्थूल वस्तुओं या जीवों की रचना में ‘आकाश’ का कोई योगदान नहीं रहता है। चार्वाक दर्शन नास्तिकवादी एवं अनीश्वरवादी है। इस दर्शन के अनुसार जो भी इंद्रियगम्य है, जिसके अस्तित्व का ज्ञान देख-सुनकर अथवा अन्य प्रकार से किया जा सकता है, वही वास्तविक है। जिस ज्ञान को चिंतन-मनन से मिलने की बात कही जाती है, वह भ्रामक है, मिथ्या है, महज अनुमान पर टिका है। आत्मा-परमात्मा जैसी कोई चीज होती ही नहीं है, अत: पाप-पुण्य ,नर्क-स्वर्ग का कोई अर्थ ही नहीं है। चार्वाक सिद्धांत चार तत्वों, ‘पृथ्वी’, ‘जल’, ‘अग्नि’, एवं ‘वायु’ को मान्यता देता है। समस्त जीव-निर्जीव तंत्र अथवा पदार्थ इन्हें के संयोग से बने हैं। जबकि अन्य दर्शन पांच महाभूतों को भौतिक सृष्टि का आधार मानते हैं - “क्षिति जल पावक गगन समीरा”।


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