Super Exam General Studies Philosophical Trends in India / भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां Question Bank भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां

  • question_answer
    अणुव्रत सिद्धांत का प्रतिपादन किया था                                                (IAS 1995, JKPSC 2005)

    A) महायान बौद्ध संप्रदाय ने

    B) हीनयान बौद्ध संप्रदाय ने

    C) जैन धर्म ने

    D) लोकायत शाखा ने

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर- जैन धर्म ने
    व्याख्या - जैन धर्म में पंच महाव्रत-अहिंसा, सत्य, ब्रम्हचर्य, अस्तेय एवं अपरिग्रह की व्यवस्था की गई है। जैन धर्म में गृहस्थों के लिए पंच महाव्रत अणुव्रत के रूप में व्यवहत हुआ है। क्योंकि संसार में रहते हुए इन महाव्रतों का पूर्णत: पालन करना संभव नहीं, इसलिए आंशिक रूप से इनके पालन के लिए कहा गया है।
    अहिंसा - जैन अनुयायी किसी भी जीव की हिंसा नहीं करते हैं। छोटे से छोटे जीव को भी पीड़ा नहीं देने की प्रतिज्ञा के साथ ही जीवन जीते हैं।
    सत्य - जैन साधु कभी भी झूठ नहीं बोलते चाहे कितनी भी कठिनाई उनके जीवन में आ जाये।
    अपरिग्रह - जैन साधु अपने पास किसी भी प्रकार की चल या अचल संपत्ति नहीं रखते तथा न ही किसी चीज का संग्रह करते हैं। अस्तेय- जैन धर्म में चोरी को पाप माना गया है।
    ब्रह्मचर्य- जैन साधुओं को पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है। साधुओं के लिए स्त्री चाहे वह किसी भी उम्र की हो तथा साध्वी के लिए पुरुष चाहे वह किसी भी उम्र का हो उसके लिए विजातीय स्पर्श निषिद्ध हैं।


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