MP State Exams General Studies MPPSC Preliminary (C-SAT) Solved Papers 2018 Shift-II

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    निर्देश: दिए गए गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
                                          गद्यांश - 1
    हमारी हिन्दी सजीव भाषा है। इसी कारण, यह पहले अरबी, फारसी आदि के संपर्क में आकर उनके व अब बाद में अंग्रेजी के भी शब्द ग्रहण करती जा रही है। इसे दोष नहीं, गुण ही समझना चाहिए; क्योंकि अपनी इस ग्रहण शक्ति से हिन्दी अपनी वृद्धि कर रही है, हास नहीं। ज्यों-ज्यों इसका प्रचार बढ़ेगा, त्यों-त्यों इसमें नए शब्दों का आगमन होता जाएगा। क्या भाषा की विशुद्धता के किसी भी पक्षपाती में यह शक्ति है कि वह विभिन्न जातियों के पारस्परिक संपर्क को न होने दे या भाषाओं की सम्मिश्रण-क्रिया में रुकावट पैदा कर दे? यह कभी सम्भव नहीं। उपर्युक्त प्रक्रियाएँ स्वाभाविक हैं। हमें तो केवल इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस सम्मिश्रण के कारण हमारी भाषा अपने स्वरूप को तो नष्ट नहीं कर रही-कहीं अन्य भाषाओं के बेमेल शब्दों के मिश्रण से अपना रूप तो विकृत नहीं कर रही। अभिप्राय यह है कि दूसरी भाषाओं के शब्द, मुहावरे आदि ग्रहण करने पर भी हिन्दी, हिन्दी ही बनी रही है या नहीं, बिगड़कर कहीं वह कुछ और तो नहीं होती जा रही है?
    हिन्दी भाषा की वह कौन-सी विशेषता है जिसे लेखक ने गुण माना है, दोष नहीं?

    A) अन्य भाषाओं के शब्द ग्रहण करने की शक्ति

    B) भाषा की विशुद्धता का आग्रह

    C) हिन्दी को रोमन लिपि में लिखना

    D) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

    Correct Answer: A


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