MP State Exams General Studies MPPSC Preliminary (C-SAT) Solved Papers 2013 Shift-II

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    निर्देश: के उत्तर निम्नलिखित अवतरण के आधार पर दीजिए।
    "पाश्चात्य सभ्यता एवं संस्कृति में बहुत-सी अच्छी बातें होते हुए भी वह मूलतः अधिकार प्रधान, भोग प्रधान है, उसमें अपने सुख की प्रवृत्ति प्रधान है। इसलिए यहाँ प्रधान जोर शरीर सुख भोग तथा उसके निमित्त अगणित साधन जुटाने की ओर हैय जबकि भारतीय संस्कृति अनेक बुराइयों के होते हुए भी मुख्यतः धर्म प्रधान, कर्तव्य प्रधान, त्याग और तपस्यामूलक संस्कृति है। विश्व मानव या विश्व मानवता एवं संस्कृति का निर्माण तभी संभव है, जब मनुष्य अपने शरीर का विचार इस सीमा तक न करे कि उस प्रयत्न में वह आत्मा, वह प्राणज्योति ही तिरोहित हो जाये, जो मानव को मानव बनाती है। स्पष्टतः भारतीय संस्कृति में, अहिंसक जीवन निर्माण की, दूसरों के लिए जीने की संभावनाएँ अधिक होने से गाँधीजी का विश्वास था कि भारतीय संस्कृति ही हमारे जीवन का दीप है और वही विश्व संस्कृति या विश्व मानवता की आधारशिला बन सकती है।”
    उपर्युक्त गद्यांश के-
    “.............. वही विश्व-मानवता की आधारशिला बन सकती है।” वाक्य में 'वही’सर्वनाम किसके लिए आया है?

    A) प्रवृत्तिमूलकता के लिए

    B) निवृत्तिमूलकता के लिए

    C) विश्वसंस्कृति के लिए

    D) भारतीय संस्कृति के लए

    Correct Answer: D


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