गद्यांश |
राष्ट्रीयता किसी देश का मूल आधार है। राष्ट्रीयता की भावना को सुदृढ़ करने में राष्ट्रभाषा की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। राजनैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक एकता की दृष्टि से भी राष्ट्र की एक राष्ट्रभाषा होनी चाहिए। राष्ट्रभाषा ही देश की सभ्यता और संस्कृति की वाहक और प्रतीक है। आज हिंदी किसी क्षेत्र विशेष की नहीं, अपितु सारे राष्ट्र की भाषा है। उसमें वे सभी गुण और क्षमता विद्यमान है जो एक राष्ट्रभाषा में होना चाहिए। हिंदीभाषियों की संख्या सर्वाधिक है, हिंदी में ही सर्वाधिक पत्रपत्रिकाओं का प्रकाशन होता है। आकाशवाणी, दूरदर्शन और सिनेमा भी हिंदी भाषा में प्रस्तुत होने के कारण लोकप्रिय तथा व्यावसायिक रूप से सक्षम हैं। ज्ञान-विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में हजारों पुस्तकों की हिंदी में रचना हो रही है। अतः हिंदी ही निर्विवाद रूप से भारत की राष्ट्रभाषा है। |
चाँद को देखकर श्वान जैसा भौंकने से लेखक का आशय निम्नलिखित हैः |
A) चंद्रमा पर लगे दाग से दुःखी होना
B) बिना कारण चिल्लाना
C) चाँद के सौंदर्य से ईर्ष्या करना
D) दूसरे के गुणों की अवहेलना कर अनर्गल प्रलाप करना
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