MP State Exams General Studies MPPSC Preliminary (C-SAT) Solved Papers 2012 Shift-II

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    गद्यांश
    साहित्य जीवन को संस्कारित करता है। वह जीवन में संवेदनाविस्तार का आधार बनता है और मनुष्य को विवेक संपन्न भी बनाता है। साहित्य जीवन में अक्षय आनंद का स्रोत है। उसमें निहित अनुभूति समाज और व्यक्ति के बीच सामंजस्य को प्रकट करती है। इसमें परंपराओं, इतिहास और संस्कृति का रचनात्मक स्तर पर समावेश रहता है। इस आधार पर साहित्य, जीवन-बोध को जगाने में अपनी सार्थक भूमिका निभाता है।
    गद्यांश के अनुसार जीवन में साहित्य की क्या भूमिका है?

    A) साहित्य जीवन में संवेदना का संचार नहीं करता है।

    B) मनुष्य को विवेकसम्पन्न बनाने में साहित्य का योगदान नगण्य होता है।

    C) साहित्य जीवन में वैचारिकता पैदा करता है।

    D) साहित्य जीवन में अक्षय आनन्द का स्रोत है।

    Correct Answer: D


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