इस गद्य को ध्यान से पढ़ें और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दें: |
मनुष्य का जीवन बहुत संघर्षमय होता है। उसे पग-पग पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। फिर भी ईश्वर के द्वारा जो मनुष्य रूपी वरदान की निर्मिति इस पृथ्वी पर हुर्इ है मानो धरती का रूप ही बदल गया है द्ययह संसार कर्म करने वाले मनुष्यों के आधार पर ही टिका हुआ है। देवता भी उनसे ईर्ष्या करते हैं। मनुष्य अपने कर्म:बल के कारण श्रेष्ठ है। धन्य है, मनुष्य का जीवन। |
प्रश्न इस गद्यांश के अनुसार, मनुष्य क्यों श्रेष्ठ है? |
A) मनुष्य अपने कर्म-बल के कारण श्रेष्ठ है।
B) मनुष्य अपने भुज बल के कारण श्रेष्ठ है।
C) मनुष्य अपने हाथ-पैर के कारण श्रेष्ठ हैं।
D) मनुष्य अपनी बुद्धि के कारण श्रेष्ठ है।
Correct Answer: A
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