Super Exam General Studies Handicrafts, Costumes and Geographical Indicators / हस्तशिल्प, वेशभूषा एवं भौगोलिक संकेतक Question Bank हस्तशिल्प, वेशभूषा एवं भौगोलिक संकेतक

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    भारतीय हस्तशिल्प के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें -
    1. ढोकरा कला मध्य प्रदेश में उत्पन्न हुर्इ।
    2. ढोकरा कला के प्रसिद्ध केंद्र पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा हैं। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1

    B) केवल 2

    C) 1 और 2

    D) न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या - उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं। ढोकरा हस्तशिल्प का सबसे पुराना रुप है और अपनी पारंपरिक सादगी के लिए जाना जाता है। इस आदिवासी हस्तशिल्प की उत्पत्ति मध्य प्रदेश में हुर्इ। इन हस्तशिल्पों को बनाने में पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा जैसे राज्य शामिल हैं। ढोकरा लोक चरित्र का प्रदर्शन करते अपने अनूठे सामानों के लिए जाना जाता है। सभी हस्तशिल्प दुकानों में ढोकरा के गहने, केंडल स्टैंड, पैन स्टैंड, ऐश ट्रे और कर्इ प्रकार के सजावटी सामान मिलते हैं।
    टिप्पणी - ढोकरा शिल्पकला की तकनीक - ढोकरा कलाकृति धातु व अन्य वस्तुओं की सहायता से बनार्इ जाती. है। इसके लिए कलाकार द्वारा सबसे पहले मिट्टी का शेप बनाया जाता है। अगर मूर्ति बनानी है तो उसका पहले क्ले से ढांचा तैयार किया जाता है। उसके बाद ढांचे को मधुमक्खी के मोम से कवर करके उस पर आकृतियां उकेरी जाती हैं। उसके बाद दोबारा उसे बलुर्इ मिट्टी से ढंका जाता है। इससे मिट्टी की दूसरी पर्त मोम पर उकेरी गर्इ डिजाइन पर उभर जाती है। इसके बाद इसे उच्च ताप पर पकाया जाता है।  इससे मोम पिघल जाता है। उसके बाद इसमें पिघला हुआ तरल डाला जाता है। उसके बाद यह पीतल उसी शेप में ढलकर ठोस हो जाता है। उसके बाद मिट्टी के शेप को तोड़ दिया जाता है। इससे वह आकार प्राप्त हो जाता है, जो कलाकार को बनाना है।


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