Super Exam Indian Polity and Civics Constitutional Framework and Citizenship Question Bank संवैधानिक निकाय एवं महत्वपूर्ण अन्य निकाय

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    भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः (INDIAN POLITY-1999)
    1. इसका अध्यक्ष अनिवार्य रूप से भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायमूर्ति होना चाहिए।
    2. इसकी प्रत्येक राज्य में राज्य मानवाधिकार आयोग के नाम से संस्थापनाएं हैं।
    3. इसकी शक्तियां केवल सिफारिशी प्रकृति की हैं।
    4. आयोग के एक सदस्य के रूप एक महिला को नियुक्त करना आज्ञापरक है।

    A) इन कथनों में कौन-कौन से सही हैं? 1, 2, 3 तथा 4

    B) 2 तथा 4

    C) 2 तथा 3

    D) 1, 3 तथा 4

    Correct Answer: D

    Solution :

    व्याख्या-भारत के राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का अध्यक्ष अनिवार्य रूप से भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायमूर्ति अथवा किसी ऐसे व्यक्ति, जो उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश हो होना चाहिए। इसकी शक्तियां सिफारिश प्रकृति की हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की संयुक्त रूप से होती है। राज्यों के मानव अधिकार आयोग का गठन राज्य द्वारा किया जाता है और वे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के भाग या इकाई नहीं होते हैं। टिप्पणी-मानव अधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019:
    1. मानव अधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019 के तहत भारत के मुख्य न्यायाधीश के अतिरिक्त किसी ऐसे व्यक्ति को भी आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, जो उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश रहा हो।
    2. राज्य आयोग के सदस्यों की संख्या को बढाकर 2 से 3 किया जाएगा, जिसमे एक महिला सदस्य भी होगी।
    3. मानवाधिकार आयोग में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष और दिव्यांगजनों संबंधी मुख्य आयुक्त को भी सदस्यों के रूप में सम्मिलित किया जा सकेगा।
    4. राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के कार्यकाल की अवधि को 5 वर्ष से कम करके 3 वर्ष किया जाएगा और वे पुनर्नियुक्ति के भी पात्र होंगे।


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