Super Exam General Studies Dance and Music / नृत्य और संगीत Question Bank शास्त्रीय, अर्धशास्त्रीय एवं उप शास्त्रीय संगीत (संगीत कला भाग 2)

  • question_answer
    शास्त्रीय संगीत की दक्षिण भारतीय कर्नाटक शैली के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें -
    1. तिल्लाना में लय की प्रधानता होती है।
    2. पल्लवी में गायक को राग और ताल चुनने की स्वतंत्रता होती है। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1    

    B)          केवल 2

    C) 1 और 2   

    D)          न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या - कर्नाटक संगीत दक्षिण भारत का प्राचीन शास्त्रीय संगीत है। कर्नाटक संगीत विश्व का सबसे पुराना और सबसे धनी संगीत है, जिसका वर्तमान रूप 15वीं -16वीं शताब्दी के ऐतिहासिक विकास और इसके बाद के आधार पर माना जाता है। कर्नाटक संगीत में कई तरह की विधाएं हैं जैसे कि अलापाना, निरावल, कल्पनस्वरम, थानम और रागम थनम पल्लवी।
    पल्लवी - यह रचनात्मक संगीत की सबसे महत्वपूर्ण शाखा है। यह कामचलाऊ व्यवस्था की अनुमति देता है।
    तिल्लाना - तिल्लाना में निरर्थक शब्दों का प्रयोग होता है जिसमें लय की प्रधानता होती है। तिल्लाना में प्रयुक्त निरर्थक शब्दों को ‘चोल्लुक्केट्टू’ कहते हैं।


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