Super Exam Biology Body Fluids and Circulation / शरीर के तरल पदार्थ और परिसंचरण Question Bank शारीरिक द्रव एवं परिसंचरण तंत्र

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    निम्नलिखित पर विचार कीजिये-
    1. रक्त
    2. रक्त वाहिकाएं
    3. हृदय
    4. वृक्क
    उपर्युक्त में से कौन-साध्से मानव शरीर के परिसंचरण तंत्र का हिस्सा है/हैं?

    A) केवल 1, 4

    B)        केवल 1, 2 और 3

    C) केवल 2, 3 और 4       

    D) उपर्युक्त सभी

    Correct Answer: B

    Solution :

    उत्तर - केवल 1, 2 और 3
    व्याख्या - रक्त परिसंचरण की खोज ‘विलियम हार्वे’ नामक एक अंग्रेज चिकित्सक ने की थी। रक्त, रक्त वाहिकाएं एवं हृदय तीनों ही मानव शरीर के परिसंचरण तंत्र का हिस्सा हैं। वृक्क मानव शरीर के उत्सर्जन तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है लेकिन परिसंचरण तंत्र का नही। हृदय रक्त द्वारा उपापचयी पदाथोर्ं के परिवहन के लिये पंप के रूप में कार्य करता है। टिप्पणी - रुधिर-वाहिनियां (Blood Vessels) - हृदय से शुध्द रक्त का परिवहन रुधिर वाहिनियों द्वारा शरीर के समस्त अंगों तक होता है तथा अशुद्ध रक्त को अंगों से एकत्र करके रुधिर वाहिनियां पुन: हृदय तक परिवहन करती हैं। किसी भी रुधिर-वाहिनी में रक्त केवल एक ही दिशा में प्रवाहित होता है। रुधिर वाहिनियां विभिन्न आकार की होती हैं। रुधिर वाहिनियां तीन प्रकार की होती हैं।
    1. धमनियां (Arteries) - जो वाहिनियां हृदय से शुद्ध रुधिर को शरीर के विभिन्न अंगो तक पहुंचाती हैं उन्हें धमनियां कहते हैं। (अपवाद पल्मोनरी धमनी)। यह सामान्यत: शरीर के गहरार्इ में होती है। धमनियों की दीवारें अपेक्षाकृत मोटी, पेशीय तथा लचीली रहती है। इनकी गुहा संकरी होती है। इसलिए धमनियां हृदय के पम्प करते दौरान भीतर से रुधिर के दाब का सहन कर लेती हैं।
    2. शिराएं (Veins) - ये वाहिनियां शरीर के विभिन्न अंगों से रुधिर को एकत्रित करके हृदय तक पहुंचाती हैं उन्हें शिराएं कहते हैं। इनमें सामान्यत: अशुद्ध रुधिर प्रभावित होता है (अपवाद-पल्मोनरी शिरा) शिराओं की दीवारें पतली होती हैं। इनकी गुहा धमनियों की अपेक्षा अधिक चौड़ी होती है। अधिकांश शिराओं में कपाट (Valve) होते हैं, जो रुधिर को हृदय की ओर जाने देते हैं परन्तु वापस नहीं आने देते।
    3.रुधिर केशिकाएं (Blood Capillaries) - धमनियां सिरों पर महीन शाखाओं में विभक्त हो जाती हैं जिन्हें ध मनिकाएं (Arterioles) कहते हैं। धमनिकाएं विभिन्न ऊतकों में प्रवेश कर पुन: विभक्त होकर बहुत ही महीन केशिकाएं (Capillaries) का निर्माण करती हैं। ये केशिकाएं पुन: संयुक्त होकर शिरकाओं (Venules) बनाती हैं और शिरकायें पुन: आपस में संयुक्त होकर शिराओं (Veins) बनाती हैं। ये बहुत महीन व भित्ती की मोटार्इ एक कोशिका जितनी होती हैं। केशिकाओं की भित्ति कार्बन डार्इआक्साइड तथा ऑक्सीजन, पानी, छोटे-छोटे अणुओं, विलेय उपापचयी पदाथोर्ं, अवशिष्ट पदाथोर्ं के लिए पारगम्य होती है। रुधिर केशिका तथा ऊतक कोशिकाओं के बीच उपर्युक्त सभी पदाथोर्ं का आदान-प्रदान करके रक्त के द्वारा परिवहनकरती है।


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