Super Exam Biology Molecular basis of Inheritance / विरासत का आणविक आधार Question Bank वंशागति का आण्विक आधार एवं जैव तकनीकी

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    निम्नलिखित में से कौन-सा कार्य जैव-प्रौद्योगिकी की श्रेणी में आता है?  (UPSC 1993,UPPCS1999)

    A) औद्योगिक प्रक्रमों में जीवधारियों अथवा उनसे प्राप्त पदाथोर्ं का उपयोग

    B) जैव अन्वेषण में प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए वाणिज्यिक उद्योगों के प्रक्रम का आधुनिकीकरण

    C) जैविक विकृतियों का अनुसंधान करने के लिए. आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग

    D) जीव मंडल की वृद्धि के लिए औद्योगिक प्रौद्योगिकी का उपयोग

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - औद्योगिक प्रक्रमों में जीवधारियों अथवा उनसे प्राप्त पदाथोर्ं का उपयोग
    व्याख्या - जैव प्रौद्योगिकी द्वारा जीन स्थानान्तरण करके आवश्यकतानुसार लक्षणों वाले सूक्ष्मजीव, पौधे व जन्तु उत्पन्न किये जा सकते हैं। इन जीवों का और विकसित तकनीकों का इस्तेमाल करके जैव औषधि व जैविक पदाथोर्ं का औद्योगिक स्तर पर उत्पादन किया जाता है। जैव प्रोद्योगिकी का उपयोग कृषि, चिकित्सा शास्त्र, संसाधित खाद्य पदार्थ, अपशिष्ट पदाथोर्ं का उपचार, जैव रोग निदान व ऊर्जा उत्पादन में व्यापक रूप से होता हैं। औद्योगिक स्तर पर जैव प्रोद्योगिकी के तीन विवेचनात्मक अनुसंधान क्षेत्र हैं
    i. उन्नत जीवों जैसे-सूक्ष्मजीवों या शुद्ध एंजाइम के रूप में सर्वोत्तम उत्प्रेरक का निर्माण करना।
    ii. उत्प्रेरक के कार्य हेतु अभियांत्रिकी द्वारा सर्वोत्तम परिस्थितियों का निर्माण करना जैसे-उचित PH, अनुकूल ताप।
    iii. अनुप्रवाह प्रक्रमण तकनीक का प्रोटीनध्कार्बनिक यौगिक के शुद्धीकरण में उपयोग करना।
    विशेष - जैनिको प्रौद्योगिकी - आनुवांशिक रोगों की पूर्व सूचना प्राप्त करने की तकनीक है। इस तकनीक के माध्यम से गर्भ में स्थित शिशु में होने वाले विभिन्न प्रकार के रोगों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।


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