Super Exam Geography Air Pressures, Speeds, and Winds / वायुदाब, गति और वायु Question Bank वायुदाब, गतियां, एवं पवनें

  • question_answer
    निम्न कथनों पर विचार करें -
    1. ‘सनातन पवन’ पृथ्वी पर चलने वाली पवनों का एक प्रकार
    2. ‘एनाबेटिक’ और ‘कैटाबेटिक’ पवनें स्थानीय पवन कहलाती
    उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1

    B) केवल 2

    C) 1 और 2

    D) न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या - उपरोक्त दोनों कथन सत्य है। गतिशील वायु को पवन कहते हैं। यह गति पृथ्वी की सतह के लगभग समानांतर रहती है। पवनें उच्च दाब से न्यून दाब वाले क्षेत्रों की ओर चलती हैं। धरातलीय असमानताओं के कारण उत्पन्न घर्षण के फलस्वरूप पवनों की दिशाएं प्रभावित होती हैं।
    पृथ्वी पर चलने वाली पवनों को ‘सनातन पवन’ और ‘स्थानीय पवन’ दो वगोर्ं में वर्गीकृत किया गया है। स्थायी पवनें आधारभूत और व्यापक पवन संचार प्रणाली है इन्हें वायुमंडल का प्राथमिक परिसंचरण कहा जाता है। स्थायी पवनें पृथ्वी की घूर्णन के प्रभाव में आकर अपने मूल मार्ग से विक्षेपित हो जाते है यही कारण है की यह उत्तरी गोलार्ध में दायी ओर और दक्षिणी गोलार्ध में बायी ओर मुड़ जाती है।
    ‘‘एनाबेटिक’ और ‘कैटाबेटिक’ पवनें स्थानीय पवन का ही रूप है। एनाबेटिक पवन को ‘घाटी समीर’ और कैटाबेटिक पवन को ‘पर्वत समीर’ भी कहा जाता है। दिन के दौरान पर्वतीय प्रदेशों में पर्वतीय ढालों के गर्म हो जाने की स्थिति में वायु ढाल के साथ-साथ ऊपर उठती है, उठी रिक्त वायु से निर्मित रिक्त स्थान को भरने के लिये वायु घाटी से बहती है। इन पवनों को घाटी समीर या एनाबेटिक पवन कहते हैं। इसके विपरीत रात के समय पर्वतीय ढाल ठण्डे हो जाते हैं और सघन वायु घाटी में नीचे उतरती है जिसे पर्वतीय पवन या कैटाबेटिक पवन कहते हैं।
    टिप्पणी - एनाबेटिक और कैटाबेटिक पवनें पर्वतीय क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण जलवायु परिवर्तक तथा नियंत्रक की भूमिका का कार्य करती हैं। घाटी समीर निम्न पर्वतीय क्षेत्रों पर तापमान एवं वायुदाब को नियंत्रित करने का कार्य करती है। वहीं, पर्वत समीर उच्च पहाड़ी स्थलों पर तापमान को तीव्र रूप से ठण्डा होने से बचाती है।


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