1. राज्य विधायिका द्वारा पारित किसी विधेयक को अपने विचारार्थ रोक कर रख सकता है। |
2. राज्य विधायिका द्वारा पारित किसी विधेयक को राष्ट्रपति के विचारार्थ रोक कर रख सकता है। |
3. धन विधेयक के अतिरिक्त अन्य सभी विधेयकों को विधायिका को पुनर्विचार हेतु वापस भेज सकता है। |
A) 1 एवं 2
B) 2 एवं 3
C) 1 एवं 3
D) 1, 2 एवं 3
Correct Answer: D
Solution :
व्याख्या-संविधान के अनुच्छेद 200 के अंतर्गत राज्यपाल को जब कोई विधेयक राज्य के विधान सभा द्वारा या विधान परिषद वाले राज्य में विधान मंडल के के दोनों सदनों द्वारा पारित कर दिया जाता है, तब वह राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। वह राज्यपाल घोषित करता है कि वहविधेयक पर अनुमति देता है या अनुमति रोक लेता है अथवा विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित रखता है। परंतु राज्यपाल अनुमति के लिए अपने समक्ष विधेयक प्रस्तुत किए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र विधेयक को यदि धन विधेयक नहीं है, तो सदन या सदनों को इस संदेश के साथ लोटा सकता है कि सदन या दोनों सदन विधेयक पर या उसके किन्ही विनिर्दिष्ट उपबंध पर फिर से पुनर्विचार करें। विधानमंडल के दोनों सदनों के द्वारा विधेयक में संशोधन सहित या उसके बिना फिर से पारित कर दिया जाता है और राज्यपाल के समक्ष अनुमति के लिए प्रस्तुत किया जाता है तो राज्यपाल अनुमति देने के लिए बाध्य रहता है। परंतु, जिस विधेयक से उसके विधि बन जाने पर राज्यपाल की राय में उच्च न्यायालय की शक्तियों का अल्पीकरण होगा। उस विधेयक पर राज्यपाल अनुमति नहीं देगा किंतु उसे राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित (अनुच्छेद-201) रखेगा।You need to login to perform this action.
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