Super Exam Geography Oceanographic Science / महासागरीय विज्ञान Question Bank महासागरीय विज्ञान

  • question_answer
    निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - (lAS 2018)
    1. विश्व की सर्वाधिक प्रवाल भित्तियां उष्णकटिबंधीय सागर जलों में मिलती हैं।
    2. विश्व की एक-तिहार्इ से अधिक प्रवाल भित्तियां ऑस्ट्रेलिया, - इंडोनेशिया और फिलीपींस के राज्य-क्षेत्रों में स्थित हैं।
    3. उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों की अपेक्षा, प्रवाल भित्तियां कहीं अधिक संख्या में जंतु संघों का परपोषण करती हैं।
    उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/है?

    A) केवल 1और 2

    B) केवल 3

    C) केवल 1 और 3

    D) 1, 2 और 3

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर - 1, 2 और 3
    व्याख्या - प्रवाल भित्तियों अथवा कोरल रीफ या मूंगे की चट्टान. के सम्बन्ध में उपरोक्त सभी कथन सत्य है।
    प्रवाल भित्ति का निर्माण \[25{}^\circ \]उत्तरी अक्षांश से \[25{}^\circ \]दक्षिणी अक्षांश के मध्य उष्णकटिबंधीय महासागरों में किसी तट या द्वीप के सहारे होता है। प्रवाल भितियों का निर्माण कोरल पॉलिप्स नामक जीवों के कैल्शियम कार्बोनेट से निर्मित अस्थि-पंजरों के अलावा, कार्बोनेट तलछट से भी होता है।
    विश्व में कुल प्रवाल भित्ति के क्षेत्रफल का लगभग 19 प्रतिशत ऑस्ट्रेलिया में एवं 17 प्रतिशत इंडोनेशिया में है। विश्व के सर्वाधिक प्रवाल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पाए जाते हैं। विश्व में पाए जाने वाले कुल प्रवाल का लगभग 30% हिस्सा दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र में पाया जाता है। यहां प्रवाल दक्षिणी फिलिपींस से पूर्वी इंडोनेशिया और पश्चिमी न्यू गिनी तक पाए जाते हैं। स्पष्ट है कि विश्व की एक-तिहार्इ से अधिक प्रवाल भित्तियां ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया एवं फिलीपींस के राज्य क्षेत्रों में स्थित हैं। प्रशांत महासागर में स्थित माइक्रोनेशिया, वानुआतु, पापुआ न्यू गिनी में भी प्रवाल पाए जाते हैं।
    प्रवाल भित्तियों में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वर्षा वनों की अपेक्षा अधिक विविधता पार्इ जाती है। लगभग 25 प्रतिशत समुद्री जीवन इन्हीं कोरल रीफ पर निर्भर करता है। इन कोरल रीफ में मछलियों की लगभग 2000 प्रजातियां, 415 प्रकार के सख्त मूंगे, 140 प्रकार की प्रजाति की शार्क एवं रेज मछलियां पायी जाती हैं। यहां समुद्री कछुए की सात ऐसी प्रजातियां और 30 तरह के समुद्री स्तनधारी जीव भी पाए जाते हैं, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं। इसके साथ-साथ यहां लगभग 600 प्रजाति की शूलचर्मी जैसे स्टारफिश एवं समुद्री अर्चिन भी पार्इ जाती हैं। इसी कारण प्रवालों को सामुद्रिक वर्षा वन कहा जाता है।


You need to login to perform this action.
You will be redirected in 3 sec spinner