Super Exam General Studies Language and Literature / भाषा और साहित्य Question Bank भारतीय साहित्यिक प्रवृत्तियां

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    “दुश्मनी लाख करो, मगर यह याद रहे, जब कभी दोस्त हो जाएं। तो शर्मिदा न हों” जुल्फिकार अली भुट्टो द्वारा इंदिरा गांधी को कही गई ये पंक्तियां किसके द्वारा रचित है ?

    A) राहत इंदौरी                

    B) निदा फाजली

    C) मुनव्वर राणा                               

    D) बशीर बद्र

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर -बशीर बद्र
    व्याख्या - उर्दू के प्रसिद्ध शायर डॉ बशीर बद्र के शेर एवं कलाम का प्रयोग अक्सर भारतीय राजनीति एवं समकालीन वैश्विक संबंधों में होता रहा है। जुल्फिकार अली भुट्टो ने इंदिरा गांधी के लिए राजनैतिक चर्चा के दौरान यह पंक्तियां प्रयोग : की थी - “दुश्मनी लाख करो, मगर यह याद रहे..! जब कभी दोस्त हो जाएं तो शर्मिदा न हो...!”
    टिप्पणी - हाल ही में पीएम मोदी ने भी नेता प्रतिपक्ष मल्लिकाजरुन खड़गे की बात का जवाब देते हुए कहा था किजी बहुत चाहता है सच बोलें, क्या करें हौसला नहीं होता।
    विशेष - डॉ बशीर बद्र के अन्य प्रमुख शेर  “बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फासला रखना।  दरिया जहां समंदर से मिला दरिया नहीं रहता। “मेरे बारे में वो हवाओं से कब पूछेगा। खाक जब खाक में मिल जाएगी तब पूछेगा?” “लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में।” “दुश्मनी लाख करो, मगर यह याद रहे। जब कभी दोस्त हो जाएं तो शर्मिदा न हों। “शोहरत की बुलंदी भी पलभर का तमाशा है। जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है।”


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