Super Exam General Studies Architecture / वास्तु-कला Question Bank भारतीय स्थापत्य में यूरोपीय प्रभाव (स्थापत्य कला भाग 7)

  • question_answer
    निम्न में से क्या जयपुर के जंतर- मंतर के यंत्रों में शामिल है- .
    1. सम्राट यंत्र
    2. धुवदर्शक पट्टिका
    3. जय प्रकाश यंत्र

    A) केवल 1

    B) 2 और 3

    C) 1 और 3

    D) 1, 2 और 3

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर- 1, 2 और 3
    व्याख्या –
    सम्राट यंत्र - सम्राट यंत्र अर्थात् यंत्रों के सम्राटजंतर मंतर में दो सम्राट यंत्र अथवा धूप-घड़ियाँ हैं, एक लघु एवं एक विशाल। लघु सम्राट यंत्र एवं वृहत सम्राट यंत्र, ये दोनों धूप घड़ियाँ हैं जिनकी कार्यप्रणाली सामान है। इन यंत्रों में एक त्रिकोणीय भित्त की परछाई इसके पूर्वी तथा पश्चिमी दिशाओं में स्थित चतुर्थाश चापों पर पड़ती है जिससे जयपुर के स्थानीय समय की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस भित्त का भीतरी कोण 27 अक्षांश उत्तर में होने के कारण यह भित्त उत्तर-दक्षिण दिशा के समानांतर स्थित है।
    धुवदर्शक चक्र - धुवदर्शक चक्र को प्राचीनकाल का दिशा सूचक यंत्र भी कहा जाता था। जयपुर के जंतर मंतर में स्थापित सर्व यंत्रों में सर्वाधिक सरल यंत्र है, धुवदर्शक पट्टिका। जैसा की इसका नाम दर्शाता है, यह यंत्र धुव तारे की स्थिति की जानकारी प्रदान करता है। समलम्ब संरचना के इस यंत्र के ऊपर एक पट्टिका है जो समतल के साथ वेधशाला के अक्षांश, 27 अंश उत्तर, का कोण बनाती है। पट्टिका का ऊपरी तल उत्तर धुव की ओर इंगित करता है जहां धुव तारा स्थित है। रात्रि के समय, नीचे के तल में आँख लगा कर यंत्र की ऊपरी सतह की सीध में देखने पर धुव तारा आसानी से देखा जा सकता है।
    जय प्रकाश यंत्र - यह जयपुर जंतर मंतर का सर्वाधिक विचित्र एवं पहेली सदृश यंत्र है। इस यंत्र में संगमरमर के गोलार्थों की एक जोड़ी धंसी हुई है। श्वेत संगमरमर में बने ये गोलार्ध एक दूसरे के पूरक हैं। यदि इन्हें जोड़ दिया जाय तो ये सम्पूर्ण अर्धगोला बना लेंगे। संगमरमर में कटी प्रत्येक पट्टी एक घंटे को दर्शाती है।


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