Super Exam Indian Polity and Civics The Indian Constitution Question Bank भारत में संवैधानिक विकास का क्रम

  • question_answer
    भारतीय संवैधानिक विकास के संदर्भ में द्वैध शासन (डायआर्की) सिद्धांत किसे निर्दिष्ट करता है? (UPSC-2017)

    A) केन्द्रीय विधानमण्डल का दो सदनों में विभाजन

    B) दो सरकारों अर्थात् केन्द्रीय और राज्य सरकारों का शुरू किया जाना

    C) दो शासक समुच्चयः एक लंदन में दूसरा दिल्ली में होना

    D) प्रान्तों के प्रत्यायोजित विषयों का दो प्रवर्गों में विभाजन

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर- प्रान्तों के प्रत्यायोजित विषयों का दो प्रवर्गो में विभाजन       व्याख्या- भारत शासन अधिनियम, 1919 के द्वारा भारतीय संवैधानिक विकास के संदर्भ में द्वैध शासन की स्थापना की गई। इसके द्वारा केन्द्रीय और प्रांतीय विषयों की सूची की पहचान करके उन्हें पृथक् कर राज्यों पर केन्द्रीय नियंत्रणकम किया गया। इसने प्रांतीय विषयों को पुनः दो भागों में विभक्त किया- हस्तांतरित और आरक्षित। हस्तांतरित विषयों पर गवर्नर का शासन होता था। इस कार्य में वह विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी मंत्रियों की सहायता लेता था। आरक्षित विषयों पर गवर्नर कार्यपालिका परिषद की सहायता से शासन करता था, जो विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी नहीं थी।


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