Super Exam General Studies Painting / चित्रकला Question Bank भारत में लघु चित्रकला (चित्रकला भाग 3)

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    मेवाड़ चित्रकला शैली के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें -
    1 उदयपुर शैली का सम्बंध मेवाड़ स्कूल से है।
    2. उदयपुर शैली में “कलिला- दमना” नाम से चित्र चित्रित किए गए थे। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1

    B) केवल 2

    C) 1 और 2

    D) न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या - उदयपुर शैली का सम्बंध मेवाड़ स्कूल से है। जो राजस्थानी चित्रकला की मूल शैली है। उदयपुर शैली का प्रारम्भिक विकास “कुम्भा” के काल में हुआ। उदयपुर शैली में कलिला और दमना नाम से चित्र चित्रित किए गए थे। विष्णु शर्मा द्वारा रचित पंचतन्त्र नामक ग्रन्थ में पशु-पक्षियों की कहानियों के माध्यम से मानव जीवन के सिद्वान्तों को समझाया गया है। पंचतन्त्र का फारसी अनुवाद “कलिला दमना” है, जो एक रूपात्मक कहानी है। इसमें राजा अर्थात शेर तथा उसके दो मंत्रियों अर्थात गीदड़ कलिला व दमना का वर्णन किया गया है।
    टिप्पणी - जगत सिंह प्रथम का काल उदयपुर शैली का स्वर्णकाल माना जाता है। महाराणा जगत सिंह के समय उदयपुर के राजमहलों में “चितेरों-री-ओवरी” नामक कला विद्यालय खोला गया जिसे “तस्वीरां-रो-कारखानों” भी कहा जाता है।
    विशेष -
    मेवाड़ चित्रकला शैली में धार्मिक विषयों का चित्रण किया गया। रामायण, महाभारत, रसिक प्रिया, गीत द्य गोविन्द इत्यादि ग्रन्थों पर चित्र बनाए गए।
    मेवाड़ शैली के प्रमुख चित्रकार - मनोहर लाल, साहिबदीन कृपा राम, उमरा आदि रहे हैं।
    मेवाड़ के महाराणा तेजसिंह के काल में इस शैली का प्रारम्भिक चित्र चित्रकार कमलचंद द्वारा “श्रावक प्रतिकर्मण सूत्र चूÆण” आहड़ में चित्रित किया गया।
    महाराणा मोकल के समय चित्रकार हीरानंद के द्वारा “सुपासनह चरियम” नामक चित्र चित्रित किया गया।
    मेवाड़ शैली के प्रसिद्ध चित्रित ग्रन्थ आर्श रामायण का चित्रण मनोहर व साहिबदीन द्वारा किया गया था।
    मेवाड़ शैली का अन्य प्रसिद्ध चित्रित ग्रन्थ गीत गोविन्द था, जिसे साहबदीन द्वारा चित्रित किया गया था।


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