Super Exam General Studies Philosophical Trends in India / भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां Question Bank भारत में दार्शनिक प्रवृत्तियां

  • question_answer
    योग दर्शन के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें -
    1. यह दर्शन सांख्य दर्शन के ‘पूरक दर्शन’ के नाम से प्रसिद्ध है।
    2. यह आस्तिक दर्शन नहीं है। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1                    

    B) केवल 2

    C) 1 और 2

    D)                               न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - केवल 1
    व्याख्या - योग’ शब्द युज् धातु से उत्पन्न होता है, जिसका अर्थ समाधि होता है। योगदर्शन छ: आस्तिक दर्शनों (षड्दर्शन) में से एक है। इसके प्रणेता पतञ्जलि मुनि हैं। यह दर्शन सांख्य दर्शन के ‘पूरक दर्शन’ के नाम से प्रसिद्ध है। योगदर्शन, सांख्य की तरह द्वैतवादी है। विश्व में भारतीय दर्शन को प्रतिष्ठित करने वाले योगदर्शन के प्रवर्तक पातंजलयोगसूत्र के रचयिता महर्षि पतंजलि थे। साधना को जीवन का मुख्य आधार मानने वाले इस दर्शन में यम, नियम, आसन, प्राणायाम, धारणा, ध्यान एवं समाधि हैं। आज योगदर्शन को आसन आदि सहित स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अपनाया जा रहा है किन्तु इसके विस्तृत नैतिक तथा आत्मिक लक्ष्य हैं। ?
    टिप्पणी - योग दर्शन आष्टांगिक मार्ग यथा यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि द्वारा मुक्ति या कैवल्य प्राप्ति को मुख्य लक्ष्य मानता है।


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