Super Exam Physics Physical World / भौतिक जगत Question Bank भौतिक पदार्थों के सामान्य गुण

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    द्रव बूंद की संकुचित होकर न्यूनतम स्थान घेरने की प्रवृति का कारण होता है                                                       (UPSC 1997)

    A) पृष्ठ तनाव

    B) श्यानत्ता

    C) घनत्व

    D) वेग प्रवणता

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - पृष्ठ तनाव
    व्याख्या - पृष्ठ तनाव के कारण जल की बूंद गोल होती है। किसी द्रव की सतह की एकांक लम्बाई पर लगने वाले बल को पृष्ठ तनाव कहते है। तनाव (T) = F/L होता है। SI मात्रकन्यूटन / मीटर या जूल/मीटर, विमा सूत्र- \[\left[ M{{T}^{-2}} \right]\] होता है।
    पृष्ठ तनाव के कारण किसी भी द्रव की बूंद सिकुड़कर कम से कम क्षेत्रफल ग्रहण करने का प्रयास करती है।
    श्यानता- द्रव का वह गुण जिसके कारण द्रव अपनी परतों के मध्य होने वाली आपेक्षित गति का विरोध करता है, श्यानता कहलाता है। द्रवों की श्यानता, गैसों की श्यानता की तुलना में अधिक होती है। जल की श्यानता = 0.01 प्वाइज जबकि वायु की श्यानता = 200 माइक्रोप्वाइज होता है।
    दाब बढ़ाने पर द्रवों (जल को छोड़कर) की श्यानता बढ़ती है। गैसों की श्यानता दाब पर निर्भर नहीं करती है। जल की श्यानता दाब बढ़ाने पर घटती है।
    वेग प्रवणता- द्रव की परत जो किसी पृष्ठ के सम्पर्क में होती' है वह स्थिर होती है। जैसे -जैसे परतों की दूरी पृष्ठों से बढ़ती जाती है उनका वेग बढ़ता जाता है। द्रव की परतों के मध्य प्रवाह की दिशा के लंबवत एकांक दूरी के साथ वेग परिवर्तन को वेग प्रवणता कहते हैं।
    न्यूटन के अनुसार श्यान बल का मान निम्न कारकों पर निर्भर करता है।
    (i) द्रव परत के सम्पर्क ताल के क्षेत्रफल पर
    \[F\propto A\]                                         (i)
    (ii) द्रव परतों के सम्पर्क तलों के आपेक्षित वेग प्रवणता पर
    \[F\propto \frac{dv}{dx}\]                       जहां A = क्षेत्रफल                    (ii)
    \[F\propto A.\frac{dv}{dx}\]                                V= वेग
    F= श्यान बल
    \[F=-nA\frac{dv}{dx}\] n = द्रव का श्यानता गुणांक
    ऋणात्मक चिन्ह यह व्यक्त करता है की श्यान बल की दिशा द्रव प्रवाह की दिशा के विपरीत होती है।
                \[\]
    श्यानता गुणांक की विमा \[=\text{ }\left[ M{{L}^{-1}}{{T}^{-1}} \right]\] होती है।
    MKS पद्धति में मात्रक- न्यूटन सेकेंड / मीटर या पास्कल सेकेंड या किलोग्राम / मीटर सेकेंड = प्वाइजली (प्वाज) (Pas)
    CGS पद्धति में 1 प्वाइजली = 10 प्वाइज


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