Super Exam History Impact of British rule on Indian economy Question Bank ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

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    ब्रिटिश भारत में नील की खेती के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये
    1. अंग्रेजों द्वारा अपने लाभ के लिये पैदा करार्इ जाने वाली मुख्य फसलों में से एक थी, जिसकी यूरोप में बहुत मांग थी।
    2. नील की खेती के दो मुख्य तरीके थे- निज और रैयती।
    3. नील की कटार्इ के बाद उन खेतों में धान की खेती नहीं की जा सकती थी।
    उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से असत्य है/हैं?

    A)   केवल 1 और 2

    B) केवल 2

    C) केवल 1 और 3

    D) इनमें से कोर्इ नहीं

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर - इनमें से कोर्इ नहीं व्याख्या- अंग्रेज भारत में अपनी जरूरत के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न फसलों की खेती करा रहे थे, जिसमें नील और अफीम भी शामिल हैं। नील एक उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगने वाली फसल है। उदाहरण के लिए बंगाल में पटसन, असम में चाय, संयुक्त प्रान्त में गन्ना। यूरोप के ‘वोड’ नामक पौधे की तुलना में ‘नील’ का पौधा बेहतर रंग देता था, जिस कारण भारतीय नील की यूरोप में बहुत मांग थी। भारत के आन्ध्र प्रदेश के बुनकरों द्वारा बनाए गए कलमकारी छापे से लेकर ब्रिटेन के कलाकारों द्वारा बनाए जाने वाले विभिन्न फूल वाले छापों में नील का प्रयोग होता था। रैयती व्यवस्था के तहत बागान मालिक गांव के मुखियाओं या रैयतों के साथ एक अनुबंध करते थे। जो अनुबंध पर हस्ताक्षर करता था उसे नील उगाने के लिये कम ब्याज पर कर्जा मिलता था। कर्ज लेने वाले को कम-से-कम 25 प्रतिशत जमीन पर नील उगाना होता था। बागान मालिक बीज और उपकरण देते थे।


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