A) ग्राम के ज्येष्ट-जनों की सभा
B) धार्मिक संप्रदाय
C) मंदिर रचना-शैली
D) प्रशासनिक अधिकारी
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - मंदिर रचना-शैली |
व्याख्या - पंचायतन मन्दिर रचना शैली है। इस रचना में चारों कोनो पर सहायक मन्दिर और मध्य में मुख्य मंदिर होता है। रत्नागिरी (महाराष्ट्र) जनपद में गुहाकार में स्थित श्रीदेव व्यमेश्वर मन्दिर पंचायतन शैली का प्रमुख मन्दिर है। |
टिप्पणी - 4- 5वां शताब्दी के बाद उत्तरी भारत में मंदिर वास्तुकला की शैली विकसित हुई। जिसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं- |
पंचायतन शैली के आधार पर मन्दिर निर्माण मंदिर परिसर में जलाशय नहीं ऊंचे मंडप तथा द्वार मंडपों के निर्माण में स्तंभों का प्रयोग मंदिर के बाहर गंगा-यमुना की मूर्तियों का निर्माण। |
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