Super Exam General Studies Architecture / वास्तु-कला Question Bank बौद्ध वास्तुकला / मौर्य वास्तुकला (स्थापत्य कला भाग 2)

  • question_answer
    निम्नलिखित में कौन-सी विशेषता मौर्यकालीन बौद्ध स्तूप की सही व्याख्या नहीं करती है?

    A) स्तूप अंत्येष्टि के लिये बनाए गए महिमामंडित, सज्जित और परिवर्द्धित टीले हैं।

    B) स्तूपों में बुद्ध की हड्डियां, दांत, केश इत्यादि अवशेषों को प्रतिष्ठापित किया गया है।

    C) स्तूप का उपयोग ध्यान स्थल के रूप में किया जाता है।

    D) स्तूप का ढांचा एकाश्म पत्थर द्वारा निर्मित किया जाता था।

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर - स्तूप का ढांचा एकाश्म पत्थर द्वारा निर्मित किया जाता था।
    व्याख्या - अर्द्धगोलाकार गुबंद वाला बौद्ध स्तूप मौर्य वास्तुकला का महत्त्वपूर्ण उदाहरण है। स्तूप अंत्येष्टि के लिये बनाए गए महिमामंडित, सज्जित और परिवर्द्धित टीले हैं। इन बौद्ध स्तूपों में बुद्ध की अस्थियां, दांत, केश इत्यादि अवशेषों को प्रतिष्ठापित किया गया है। ज्ञात हो कि स्तूपों का उपयोग ध्यान के स्थल के तौर पर किया जाता है। ध्यातव्य है कि स्तूप का निर्माण र्इंट से कर उसके चारों ओर लकड़ी का घेरा बनाया जाता था। वर्तमान स्तूप का विस्तार कर उसके इर्द-गिर्द पत्थर का घेरा बनाया गया।


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