Super Exam Biology Sexual Reproduction in Flowering Plant / फूलों के पौधों में यौन प्रजनन Question Bank पुष्पीय पादपों में प्रजनन

  • question_answer
    जीवों के निम्नलिखित प्रकारों पर विचार कीजिए                       (UPSC 2012)
    1. चमगादड़
    2. मधुमक्खी
    3. पक्षी
    उपरोक्त में से कौन-सा/से परागणकारी है/हैं?

    A) 1 और 2     \

    B)        केवल 2

    C) केवल 1                    

    D) ये सभी

    Correct Answer: D

    Solution :

    उत्तर - ये सभी
    व्याख्या - परागकणों की परागकोष (नर जनन अंग) से वर्तिकाग्र (मादा जनन अंग) तक पहुंचने के प्रक्रम को परागण कहते हैं। यह दो प्रकार की होती है।
    · स्व-परागण - इस क्रिया में एक पुष्प के परागकण उसी पुष्प या उसी पादप के किसी दूसरे पुष्प के वर्तिकान पर स्थानांतरित होते हैं। इस प्रक्रिया में पुष्प को किसी साधन की आवश्यकता नहीं होती है। पहली स्थिति ऑटोगैमी (Autogamy) तथा दूसरी स्थिति जिटोनोगैमी (Geitonogamy) के नाम से भी जाना जाता है। जिटोनोगेमी को स्व-परागण की श्रेणी में रखा जाता है, क्योंकि यहां परागण की क्रिया दो पुष्यों के बीच तो हो रही होती है, साथ ही साथ दोनों पुष्प एक ही पौधे के होते हैं जिससे ये आनुवंशिक रूप से समान होते हैं।
    · पर-परागण (Cross Pollination) - किसी एक पौधे के पुष्प के परागकोष से निकले परागकण उसी जाति के दूसरे पादप के पुष्प के वर्तिकान पर स्थान्तरित होते हैं। इसे पर - परागण कहते है इसके अलावा एलोगेमी या जिनोगेमी भी कहा जाता है। परागकणों को किसी दूसरे पुष्प के वर्तिकान तक पहुंचने के लिए कुछ बाह्य कारकों की आवश्यकता पड़ती है। जैसे- वायु, जन्तु, जल आदि। पुष्पों में जन्तुओं की सहायता से होने वाले परागण को जन्तु-परागण कहते हैं। जन्तु-परागण प्राय कीटों, मधुमक्खीं, पक्षियों, घोंघों व चमगादड़ द्वारा होता है।
            जन्तु परागण (Zoophily) - जन्तुओं की सहायता से होने वाला पर-परागण जन्तु परागण कहलाता है। परागणकर्ता जन्तुओं के आधार पर इसे निम्नलिखित प्रकारों में बांटते हैं


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