Super Exam General Studies Sculpture in India / भारत में मूर्तिकला Question Bank प्राचीन भारत में मूर्तिकला (मूर्तिकला भाग 1)

  • question_answer
    सिन्धु घाटी की सभ्यता से प्राप्त नर्तकी की कांस्य मूर्ति के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें -
    1. मोहनजोदड़ो से नर्तकी की कांस्य प्रतिमा मिली है।
    2. मधुच्छिष्ट विधि से सैन्धव सभ्यता के शिल्पिकार परिचित थे। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1

    B) केवल 2

    C) 1 और 2

    D) न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या - मोहनजोदड़ो से नर्तकी की कांस्य प्रतिमा मिली है। नर्तकी की इस कांस्य मूर्ति  की लम्बाई 14 सेंटीमीटर है। यह अत्यंत सुंदर तथा भावयुक्त है। इसके शरीर पर वस्त्र नहीं है। मूर्ति  के पैरों का निचला हिस्सा टूट गया है। मूर्ति  का बांया हाथ कलाई से लेकर कंधे तक चूड़ियों से भरा है तथा नीचे की ओर लटक रहा है। मधुच्छिष्ट विधि से सैन्धव सभ्यता के शिल्पिकार परिचित थे क्योंकि पूरी मूर्ति  का निर्माण सांचे में ढलाई कर एक ही बार में किया गया है, इसे मधुच्छिष्ट विधि कहा जाता है।
    विशेष -
    इस मूर्ति  में बाल धुंघराले है तथा पीछे की ओर जुड़ा बंधा है।
    गले में छोटा हार तथा कमर में मेखला है।
    नर्तकी के पैर जो थोड़ा आगे बढे हुए है, संगीत के लय के साथ उठते हुआ जान पड़ता है। 
    अपनी मुद्रा की सरलता एवं स्वाभाविकता के कारण यह मूर्ति  सबको आश्चर्यचकित करती है।


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