Super Exam General Studies Architecture / वास्तु-कला Question Bank प्राचीन भारत / पूर्व मध्यकालीन भारत की क्षेत्रीय स्थापत्य शैलियां (स्थापत्य कला भाग 3)

  • question_answer
    कुलोक्तंग तृतीय का नाम जुड़ता है-        (CGPSC 2011)

    A) पल्लव स्थापत्य

    B)                           चोल स्थापत्य

    C)  मार्यो स्थापत्य            

    D)           गुप्त स्थापत्य

    Correct Answer: B

    Solution :

    उत्तर -  चोल स्थापत्य
    व्याख्या - चोल स्थापत्य में चोल शासक कुलोक्तंग तृतीय का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। कम्पहरेश्वर मन्दिर का निर्माण चोल शासक कुलोक्तंग तृतीय के समय ही किया गया था। इसे त्रिभुवनेश्वर मन्दिर भी कहा जाता है।
    विशेष - कम्पहरेश्वर मन्दिर का विमान पिरामिडाकार 6 तलों में बना है। ग्रीवा गोल तथा शिखर गुम्बदाकार है। यह मन्दिर अलंकरण-विधान की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यहां बड़ी संख्या में मूर्तियां उत्कीर्ण हैं।


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