Super Exam General Studies Architecture / वास्तु-कला Question Bank प्राचीन भारत / पूर्व मध्यकालीन भारत की क्षेत्रीय स्थापत्य शैलियां (स्थापत्य कला भाग 3)

  • question_answer
    चालुक्यकालीन स्थापत्य के संदर्भ में निम्न कथनों में विचार करें -
    1. यह नागर और द्रविड़ शैली की विशेषताओं से युक्त बेसर शैली है।
    2. बादामी के चालुक्यों की कला की शुरुआत ऐहोल से है। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें-

    A) केवल 1

    B)  केवल 2

    C)  1 और 2  

    D)  न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर -  1 और 2
    व्याख्या -बादामी के चालुक्यों की कला की शुरुआत ऐहोल से है, जबकि चरमोत्कर्ष बादामी और पट्टदकल में दिखता है। यह नागर और द्रविड़ शैली. की विशेषताओं से युक्त बेसर शैली है। यहां के मंदिरों में चट्टानों को काटकर संयुक्त कक्ष और विशेष ढांचे वाले मंदिरों का निर्माण देखने को मिलता है।
    विशेष - पट्टदकल एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थान है, जो कर्नाटक के बीजापुर जिले में मलयप्रभा नदी के तट पर, स्थित है। 
    बादामी के गुफा मंदिरों में खंभों वाला बरामदा, मेहराब युक्त कक्ष, छोटा गर्भगृह और उनकी गहराई प्रमुख है। अत: प्रथम कथन सत्य है।
    यूनेस्को ने वर्ष 1987 में पट्टदकल को “विश्व धरोहर’ की सूची में शामिल किया था। चालुक्य साम्राज्य के दौरान पट्टदकल महत्वपूर्ण शहर हुआ करता था।
    पट्टदकल के स्मारक हिन्दू मंदिर वास्तुकला में बेसर शैली के प्रयोग का चरम है।


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