Super Exam Biology Plant Growth and Development / पौधे की वृद्धि और विकास Question Bank पादप पोषण, वृद्धि एवं परिवर्द्धन

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    जीवधारियों में कम से कम 27 तत्त्वों की आवश्यकता होती है जिनमें से 15 धातुएं हैं, इनमें जो प्रमुख मात्रा में आवश्यक होती है, वे हैं  (UPSC 1996)

    A) पोटैशियम, मैंग्नीज, मोलिब्डेनम और कैल्शियम

    B) पोटैशियम, मोलिब्डेनम, ताम्र और कैल्शियम

    C) पोटैशियम, सोडियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम

    D) सोडियम, मैग्नीशियम, ताम्र और मैंग्नीज

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - पोटैशियम, सोडियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम
    व्याख्या - मिट्टी में उपस्थित यौगिकों व खनिज तत्वों या लवणों का पौधों द्वारा ग्रहण करना, खनिज पोषण या लवण पोषण (Mineral nutrition) तथा इसमें प्रयुक्त होने वाले तत्व जो कि पौधों की उपापचयिक प्रक्रिया से सम्बन्धित होते हैं, खनिज पोषक तत्व (Mineral element ) कहलाते हैं।
    · ऐसे तत्व जो कि पौधों की कायिक (Vegetative) एवं जननीय (Reproductive) वृद्धि अर्थात जीवन-चक्र . को पूरा करने के लिए बहुत ही जरूरी होते हैं, उन्हें आवश्यक तत्व (Essential Element) कहते हैं।
    सोडियम, मैग्नीशियम, ताम्र और मैंग्नीज
    किसी तत्व की अनिवार्यता के मापदंड निम्नानुसार हैं
    (i) तत्व को पादप की सामान्य वृद्धि और जनन हेतु नितांत आवश्यक होना चाहिए। उस तत्व की अनुपस्थिति में पौधे अपना जीवनचक्र पूरा नहीं कर पाएं अथवा बीज भी धारण नहीं कर पाएं।
    (ii)  तत्व की अनिवार्यता ‘विशिष्ट’ होनी चाहिए और इसे किसी अन्य तत्व द्वारा प्रतिस्थापन करना संभव नहीं होना चाहिए। दूसरे शब्दों में, किसी एक तत्व की कमी को किसी अन्य तत्व के द्वारा दूर नहीं किया जा सकता है।
    (iii) तत्व पादप के उपापचय में प्रत्यक्ष रूप में   सम्मिलित हों।
    उपरोक्त मापदंडों के आधार पर केवल कुछ ही तत्व पौधों की वृद्धि एवं उपापचय के लिए नितांत रूप से अनिवार्य माने गए हैं। पादप भस्म (550-600\[^{o}C\]पर जलाने पर प्राप्त भस्म) के विश्लेषण से ज्ञात होता है कि पौधों में उपस्थित रहने वाले कुल 118 में से प्राकृतिक तत्त्व 92 में से 60 से अधिक तत्व प्रत्येक पौधों में पाये जाते हैं तथा उनमें से 17 तत्व पौधों के लिए अनिवार्य तत्व की श्रेणी में आते हैं। ये 17 तत्व आवश्यक तत्व कहलाते हैं।
    इनको आवश्यक मात्रा के आधार पर दो व्यापक श्रेणियों में बांटा गया है-
    वृहत् पोषकध्महापोषक या गुरुमात्रक तत्व (Macro nutrient) - वृहत् पोषकों को सामान्यत: पादप के शुष्क पदार्थ का 1 से 10 मि. ग्राम/लीटर की सांद्रता से विद्यमान होना चाहिए। इस श्रेणी में आने वाले तत्व हैं- कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सल्फर, मैग्नेशियम, कैल्शियम। इनमें से कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन मुख्यतया \[C{{O}_{2}}\], एवं जल से प्राप्त होते हैं जबकि दूसरे मृदा से खनिज के रूप में अवशोषित किए जाते हैं।
    सूक्ष्म पोषक या लघुमात्रक तत्व (Micro nutrient) - सूक्ष्म पोषकों अथवा लेशमात्रिक तत्वों की अनिवार्यता अत्यंत सूक्ष्म मात्रा में होती है (0.1 मि.ग्रामध् लीटर शुष्क भार के बराबर या उससे कम)। इनके अंतर्गत लौहा, बोरोन, मैंगनीज, तांबा, जिंक, मोलिब्डेनम, क्लोरीन और निकिल सम्मिलित हैं।
    उपरोक्त वर्णित 17 अनिवार्य तत्वों के अतिरिक्त, कुछ लाभदायक तत्व भी हैंय जैसे कि सोडियम, सिलिकॉन, कोबाल्ट तथा सेलेनियम। ये उच्च श्रेणी के पौधों के लिए अनिवार्य होते हैं।
    पौधों में पाये जाने वाले प्रमुख धातुएं एवं अधातुए
    धातुएं (Metals) - कैल्सियम (Ca), मैग्नीशियम (Mg), पोटेशियम (K), आयरन (Fe), सोडियम (Na), जिंक (Zn), मैंगनीज (Mn), कॉपर (Cu), मॉलिब्डेनम (Mo),
    अधातुएं (Non-metals) - कार्बन (C), हाइड्रोजन (H), ऑक्सीजन (O), नाइट्रोजन (N), सल्फर (S), फॉस्फोरस (P), क्लोरीन (Cl)
    उपधातुएं - सिलिकॉन (Si), बोरोन


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