1. नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 9 दिसंबर को लोकसभा, 11 दिसंबर को राज्य सभा से पारित हुआ तथा 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त हुई। |
2. संशोधन अधिनियम के अनुसार 31 दिसंबर, 2014 या उसके पूर्व पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिन्दुओं, बौद्धों, सिखों, जैनियों, पारसियों और ईसाईयों को भारत में नागरिकता प्रदान की जाएगी। |
3. इन सभी देशों के उपर्युक्त समूहों के व्यक्तियों के लिए भारत में नागरिकता प्राप्ति से पूर्व रहने की अवधि 11 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दी गई है। |
A) केवल 1
B) 2 और 3
C) 1 और 3
D) 1, 2 और 3
Correct Answer: D
Solution :
व्याख्या - नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 को 1955 के अधिनियम में संशोधन करने के लिए लाया गया। इस संबंध में 9 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 लोकसभा से पारित हुआ और 11 दिसंबर को राज्यसभा से पारित हुआ तथा 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त होने के उपरांत यह अधिनियम प्रभावी हो गया। इस संशोधन अधिनियम के अनुसार 31 दिसंबर, 2014 या उसके पूर्व पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिन्दुओं, बौद्धों, सिखों, जैनियों, पारसियों और ईसाईयों को भारत में नागरिकता प्रदान की जाएगी। इन सभी देशों के उपर्युक्त समूहों के व्यक्तियों के लिए भारत में नागरिकता प्राप्ति से पूर्व रहने की अवधि 11 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष कर दी गई है।You need to login to perform this action.
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