Super Exam History Religious Movement - Jainism, Bhudhism, Bhagavatism and Brahmanism Question Bank धार्मिक और सामाजिक सुधार

  • question_answer
    धार्मिक सामाजिक सुधार आंदोलन के नकारात्मक पक्षों के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये - 1. धर्म में जरूरत से ज्यादा जोर देने पर समाज में फूट की प्रवृत्ति बढ़ी।
    2. इसने मानव बुद्धि तथा वैज्ञानिक –ष्टिकोण की श्रेष्ठता के विचार को धक्का पहुंचाया।
    3. इन आंदोलनों की पहुंच किसानों तथा नगरों की गरीब जनता तक नहीं थी।

    A) 1 एवं 3

    B) 1 एवं 2

    C) 1, 2 एवं 3

    D) केवल 3

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर -1, 2 एवं 3
    व्याख्या - सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन के कुछ नकारात्मक पक्ष भी थे। ये सभी समाज के नगरीय उच्च और मध्य वगोर्ं की आवश्यकताएं पूरी करते थे। इनमें से कोर्इ भी बहुसंख्यक किसानों तथा नगरों की गरीब जनता तक नहीं पहुंचा और ये लोग अधिकांशत: परंपरागत रीति-रिवाजों में ही जकड़े रहे। इसका कारण यह था कि ये आंदोलन मूलत: भारतीय समाज के शिक्षित व नगरीय भागों की आकांक्षाओं को ही ध्यान रखते थे। इन आंदोलनों का दूसरा पक्ष था की अतीत की महानता का गुणगान करना तथा धर्म ग्रंथों को आधार बनाने की प्रवृत्ति थी। यह बात इन आंदोलनों की अपनी सकारात्मक शिक्षाओं की विरोधी बन गर्इ। इससे मानव बुद्धि तथा वैज्ञानिक –ष्टिकोण की श्रेष्ठता के विचार को आघात पहुंचा। इससे नए-नए रूपों में रहस्यवाद तथा वैज्ञानिक चिंतन को बल मिला।


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