Super Exam Biology The Living World / जीव जगत Question Bank जीव जगत

  • question_answer
    वर्गिकी पदानुक्रम (Taxonomical Hierarchy) में जब हम जाति से जगत की ओर बढ़ते हैं तब सामान्य अभिलक्षणों की संख्या-

    A) घटती है    

    B) बढ़ती है

    C) एक-सी रहती है।

    D) घट अथवा बढ़ सकती है।

    Correct Answer: A

    Solution :

    उत्तर - घटती है
    व्याख्या .- यदि हम जाति से जगत की ओर चलें वर्गिकी पदानुक्रम में समान लक्षणों की संख्या में कमी होती है। उदाहरणहरित शैवाल एवं आम का पेड़ एक ही जगत में सम्मिलित रहते हैं- पादप जगत जिनमें क्लोरोफिल (हरिलवक) पाया जाता है जो स्वयं भोजन बनाता है। शैवालों का शरीर जड़, तना, पत्ती आदि में विभेदित नहीं होता है। लेकिन वह थैलस के रूप में होता है। जबकि पेड़ का शरीर जड़, तना, पत्ती, फल, फूल तथा बीज.में विभेदित होता है।
    टिप्पणी - वर्गिकी पदानुक्रम (Taxonomical hierarchy) - वर्गीकरण के अध्ययन की सुविधा के लिए समानता एवं असमानता के आधार पर जीवों को कर्इ छोटे-छोटे समूहों,  चरण में रखा जाता है यही चरण वर्गिकी संवर्ग (Taxonomic Categories) कहलाते हैं। वर्गीकरण एकल चरण प्रक्रम नहीं द्य है, बल्कि इसमें कर्इ पदानुक्रम चरण (Hierarchy step) होते हैं प्रत्येक चरण पद अथवा वर्गक (taxon) को दर्शाता है और ये समस्त व्यवस्था वर्गिकी संवर्ग कहलाती है। सारे वर्गिकी पदानुक्रम अपने आपमें वर्गीकरण की इकार्इ अर्थात वर्गक (Taxa) को दर्शाता है।
    जगत (किंगडम) \[\uparrow \] संघ (फाइलम) या भाग (डिविजन) \[\uparrow \] वर्ग (क्लास)  \[\uparrow \] गण (आर्डर) \[\uparrow \] कुल (फैमिली) \[\uparrow \] वंश \[\uparrow \] जति
    आरोही कम में पदानुकम वर्गिकी संवर्ग महत्व (Improtance) - वर्गकों तथा संवगोर्ं को वर्गीकरण के क्रम में इन्हें इनके गुणों के आधार पर बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाता है, जो वर्गिकी का पदानुक्रम (hierarchial Levels of Classification) कहलाता है। यह जीवों के विभिन्न समूहों को उनके गुणों तथा विकास के आधार पर एक निश्चित श्रृंखला में व्यवस्थित करने की प्रक्रिया है।


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