Super Exam Geography Irrigation and Multipurpose Projects / सिंचाई और बहुउद्देशीय परियोजनाएं Question Bank जल संसाधन, सिंचाई एवं बहुउद्देषीय परियोजनाएं

  • question_answer
    नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये -
    1. ज्वालामुखी के मुहाने पर बनने वाली मृदाओं को ‘एन्डीसॉल’ मृदा वर्ग में शामिल किया जाता है।
    2. पर्वतीय मृदा में पोटाश, फास्फोरस तथा चूने का अभाव पाया जाता है।
    3. मॉलीसोल प्रकार की मृदा दोहरी काली होती है।
    उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

    A) केवल 1 और 2                          

    B) केवल 2

    C) केवल 2 और 3                          

    D) 1, 2 और 3

    Correct Answer: D

    Solution :

     उत्तर - 1, 2 और 3 व्याख्या - मृदा के सम्बन्ध में उपरोक्त सभी कथन सत्य हैं।
    ज्वालामुखी के मुहाने पर बनने वाली मृदाओं को ‘एन्डीसॉल’ मृदा वर्ग में शामिल किया जाता है।
    गर्म जलवायु में विकसित होने वाली मृदा को आल्टीसॉल वर्ग में रखा जाता है। कार्बनिक मृदाएँ हिस्टोसॉल वर्ग जबकि शुष्क तथा अर्द्ध-शुष्क जलवायु क्षेत्रों में विकसित मृदाएँ एरीडीसॉल वर्ग में रखी जाती हैं।
    पर्वतीय मृदा नवीन तथा अविकसित मृदा है जो कश्मीर से अरुणाचल तक के पहाड़ी क्षेत्रों में पार्इ जाती है। इसमें पोटाश, फास्फोरस तथा चूने का अभाव पाया जाता है जबकि जीवांश प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें सेब, नाशपाती आदि के वृक्ष उगाए जाते हैं। इस प्रकार की मृदा में अम्लीय गुण निहित होते हैं।
    मॉलीसोल प्रकार की मृदा विशेषत: मोटी द्विसंयोजी तथा दोहरी काली होती है। सूखने पर ये कठोर नहीं होती। भारत में इस मृदा के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के तरार्इ क्षेत्रों की कुछ मृदाएँ तथा उत्तर-पूर्व तथा हिमालय के जंगलों की मृदाएँ आती हैं।


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