Super Exam Indian Polity and Civics Federalism and Center State Relation Question Bank केंद्र एवं राज्यों के मध्य संबंध

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    निम्नलिखित में से कौन सरकारिया आयोग का सदस्य था? (INDIAN POLITY-2017)

    A) वी. शंकर

    B) के. हनुमन्तैय्या

    C) डॉ. एस. आर. सेन

    D) ओ.वी. अलगेसन

    Correct Answer: C

    Solution :

    व्याख्या-केन्द्र राज्य संबंधों पर विचार करने तथा उनको सुदृढ़ करने हेतु सुझाव देने के लिए न्यायमूर्ति आर.एस. सरकारिया की अध्यक्षता में जून 1983 में एक आयोग का गठन किया गया था। बी. शिवरामन तथा एस. आर. सेन इसके अन्य दो सदस्य थे। आयोग ने वर्ष 1987 में अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में आयोग द्वारा की गई मुख्य अनुशंसाएँ निम्नलिखित थीं:
    केन्द्र-राज्य से सम्बंधित संवैधानिक प्रावधानों में कोई संशोधन न तो उचित है और न ही आवश्यक। देश की एकता तथा अखण्डता के लिए शक्तिशाली केन्द्र अनिवार्य है।
    केन्द्र-राज्य सम्बंधों में सुधार लाने के लिए अनुच्छेद 263 के प्रावधानों के अनुसार अन्तर्राज्यीय परिषद् का स्थायी रूप से गठन किया जाना चाहिए, जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हों।
    राज्यों में राष्ट्रपति शासन को अन्तिम विकल्प के रूप में लागू किया जाना चाहिए। राज्यपाल को 5 वर्ष के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए और कार्यकाल में बीच में इनका स्थानान्तरण नहीं करना चाहिए। संविधान के अनुच्छेद-155 में संशोधन कर राज्यपालों की नियुक्ति से पूर्व सम्बंधित राज्य के मुख्यमंत्री से परामर्श किया जाना अनिवार्य होना चाहिए।
    केन्द्र तथा राज्यों के बीच निगम कर, आयकर तथा उत्पाद शुल्क के उचित बँटवारे के लिए संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए।
    योजना आयोग को स्वायत्तशासी संस्था बनाया जाना चाहिए।
    राष्ट्रीय विकास परिषद् के नाम को परिवर्तित करके इस नाम राष्ट्रीय आर्थिक एवं विकास परिषद् करना चाहिए तथा इसे और अधिक प्रभावी बनाया जाना चाहिए, जिससे यह केन्द्र तथा राज्य सरकारों के बीच राजनीतिक स्तर की सर्वोच्च संस्था हो सके।
    समवर्ती सूची पर विधि बनाने के पूर्व केन्द्र को राज्यों से परामर्श करना चाहिए। 
    देश की एकता तथा अखण्डता के लिए त्रिभाषा सूत्र को सभी राज्यों में लागू करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।
    इंजीनियरिंग, चिकित्सा तथा शिक्षा के लिए अखिल भारतीय सेवा का गठन किया जाना चाहिए।
    उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्थानान्तरण में उनकी इच्छा का ध्यान रखा जाना चाहिए।
    राज्यों को ऋण देने की पद्धति पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए तथा राजस्व में, राज्यों (विशेषकर कमजोर राज्यों) के भाग को बढ़ाया जाना चाहिए।
    राज्यों में केन्द्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करने में, केन्द्र सरकार का पूरा अधिकार होना चाहिए अर्थात् यह उपबंध हो कि, केन्द्र-राज्य सरकार की इच्छा के विरुद्ध भी केन्द्रीय सुरक्षा बलों को तैनात कर सकता है।


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