Super Exam Biology Skeletal System / कंकाल प्रणाली Question Bank कंकाल तंत्र

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    BMD परीक्षण किसके पहचान करने के लिए किया जाता?          (UPPCS2011, 2014, 2015)

    A) डेंगू को

    B) मलेरिया को

    C) ऑस्टियोपोरोसिस को

    D)        एड्स को उत्तर - ऑस्टियोपोरोसिस को । व्याख्या - BMD (Bone mineral Density) परीक्षण ऑस्टियोपोरोसिस (अस्थिरंध्रता) रोग की पहचान के लिए किया जाता है। इस रोग में अस्थि खनिज घनत्व कम हो जाता है तथा अस्थि सूक्ष्म-संरचना नष्ट हो जाती है। ऑस्टियोपोरोसिस - ‘ओस्टियो’ का अर्थ होता है ‘अस्थि’ तथा ‘पोरस’ का ‘मुलायम’ या छिद्रयुक्त! इस प्रकार ‘ओस्टियोपोरोसिस’ हाडियों के कंकाल का रोग है जिसमें अस्थि सघनता के कम होने एवं अस्थिमज्जा की संरचना में कमी से अस्थियां क्षीण होकर जया उनके टूटने लगती हैं। यह रोग अस्थियों में कैल्सियम एवं फॉस्फोरस के अधिक अवशोषण के कारण होता है। यह ह्रास कॉम्पेक्ट अस्थियों की अपेक्षा में ट्रेबेकुलर अस्थि में अधिक होती है। इस रोग के कारण अस्थियां छिद्रित तथा भंगुर (Brittle) हो जाती हैं। इस रोग में ट्रैबेकुलर अस्थि में ऊर्ध्वाधर दबाव के कारण कशेरुकाओं (Vertebrae) तथा फीमर के ग्रीवा (Neck) में टूटना (Fracture) हो जाता है। पीठ में भयंकर दर्द इस रोग से ग्रसित व्यक्ति के आठवीं थोरेसिक (भार वाहक कशेरुका) के टूटने से होता है। यह रोग वयस्क महिलाओं एवं वृद्ध पुरुषों में अधिक होता है। यह आंतों में दोषपूर्ण कैल्सियम अवशोषण एवं महिलाओं में अनियमित रजोनिवृत्ति के कारण होता है। गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों को डॉक्टर द्वारा कैल्सियम, विटामिन D की अतिरिक्त खुराक एवं व्यायाम की सलाह दी जाती है।

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - ऑस्टियोपोरोसिस को ।
    व्याख्या - BMD (Bone mineral Density) परीक्षण ऑस्टियोपोरोसिस (अस्थिरंध्रता) रोग की पहचान के लिए किया जाता है। इस रोग में अस्थि खनिज घनत्व कम हो जाता है तथा अस्थि सूक्ष्म-संरचना नष्ट हो जाती है।
    ऑस्टियोपोरोसिस - ‘ओस्टियो’ का अर्थ होता है ‘अस्थि’ तथा ‘पोरस’ का ‘मुलायम’ या छिद्रयुक्त! इस प्रकार ‘ओस्टियोपोरोसिस’ हाडियों के कंकाल का रोग है जिसमें अस्थि सघनता के कम होने एवं अस्थिमज्जा की संरचना में कमी से अस्थियां क्षीण होकर जया उनके टूटने लगती हैं। यह रोग अस्थियों में कैल्सियम एवं फॉस्फोरस के अधिक अवशोषण के कारण होता है। यह ह्रास कॉम्पेक्ट अस्थियों की अपेक्षा में ट्रेबेकुलर अस्थि में अधिक होती है। इस रोग के कारण अस्थियां छिद्रित तथा भंगुर (Brittle) हो जाती हैं। इस रोग में ट्रैबेकुलर अस्थि में ऊर्ध्वाधर दबाव के कारण कशेरुकाओं (Vertebrae) तथा फीमर के ग्रीवा (Neck) में टूटना (Fracture) हो जाता है। पीठ में भयंकर दर्द इस रोग से ग्रसित व्यक्ति के आठवीं थोरेसिक (भार वाहक कशेरुका) के टूटने से होता है। यह रोग वयस्क महिलाओं एवं वृद्ध पुरुषों में अधिक होता है। यह आंतों में दोषपूर्ण कैल्सियम अवशोषण एवं महिलाओं में अनियमित रजोनिवृत्ति के कारण होता है। गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों को डॉक्टर द्वारा कैल्सियम, विटामिन D की अतिरिक्त खुराक एवं व्यायाम की सलाह दी जाती है।


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