A) क्षोभमण्डल
B) आयनमण्डल
C) क्षोभ सीमा
D) समतापमण्डल
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - आयनमण्डल | ||||||||||||||||||||||||
व्याख्या - रेडियो तरंगों की खोज सर्वप्रथम वैज्ञानिक मारकोनी ने सन 1895 में की थी। इनकी तरंगदैर्ध्य लगभग 0.3 मीटर से 600 मीटर तक होती है। इन्हें किसी विद्युत चालक में उच्च आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा के प्रवाह द्वारा उत्पंन किया जाता है। इन तरंगों का संसूचन रेडियो अभिग्राही तथा ट्रांजिस्टर में अनुनादी परिपथ (L-C परिपथ) द्वारा किया जाता है। ये बेतार तरंगे भी कहलाती हैं। ये दो प्रकार की होती हैं- (i) लघु रेडियो तरंगे या हर्ट्ज तरंगें और (ii) दीर्घ रेडियो तरंगें या बेतार तरंगे। दीर्घ रेडियो तरंगे पृथ्वी के आयनमण्डल से परावर्तित होती है। आयनमण्डल में आवेशित व आयनित अणुओं के कण होते हैं। इसी कारण इस मण्डल की हवा भी आवेशित होती है जो 80 से 400 किमी की ऊंचाई तक पायी जाती है | ||||||||||||||||||||||||
विशेष
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