Super Exam Physics Communication System / संचार तंत्र Question Bank इलेक्ट्रॉनिकी एवं संचार

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    दीर्घ रेडियो तरंगे पृथ्वी की किस सतह से परावर्तित होती है - (UPPCS 1991)

    A) क्षोभमण्डल

    B)   आयनमण्डल

    C)   क्षोभ सीमा

    D)   समतापमण्डल

    Correct Answer: B

    Solution :

    उत्तर - आयनमण्डल
    व्याख्या - रेडियो तरंगों की खोज सर्वप्रथम वैज्ञानिक मारकोनी ने सन 1895 में की थी। इनकी तरंगदैर्ध्य लगभग 0.3 मीटर से 600 मीटर तक होती है। इन्हें किसी विद्युत चालक में उच्च आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा के प्रवाह द्वारा उत्पंन किया जाता है। इन तरंगों का संसूचन रेडियो अभिग्राही तथा ट्रांजिस्टर में अनुनादी परिपथ (L-C परिपथ) द्वारा किया जाता है। ये बेतार तरंगे भी कहलाती हैं। ये दो प्रकार की होती हैं- (i) लघु रेडियो तरंगे या हर्ट्ज तरंगें और (ii) दीर्घ रेडियो तरंगें या बेतार तरंगे। दीर्घ रेडियो तरंगे पृथ्वी के आयनमण्डल से परावर्तित होती है। आयनमण्डल में आवेशित व आयनित अणुओं के कण होते हैं। इसी कारण इस मण्डल की हवा भी आवेशित होती है जो 80 से 400 किमी की ऊंचाई तक पायी जाती है
    विशेष
    स्तर (सतह का नाम) पृथ्वी के पृष्ठ से सन्निकट तुंगता अस्तित्व की अवधि सर्वाधिक प्रभावित आवृत्तियां
    क्षोभमण्डल 10 km दिन व रात अति उच्च आवृत्ति कई (GHz तक)
    D. (समतापमण्डल का भाग) 65-75 km केवल दिन निम्न आवृत्ति परावर्तित; कुछ अंश तक मध्य आवृत्ति तथा उच्च आवृत्तिया अवशोषित
    E. (समतापमण्डल का भाग) 100km केवल दिन पृष्ठीय तरंगों का सहायक, उच्च आवृत्तियां परावर्तित
    \[{{F}_{1}}\](मध्य मंडल का भाग) 170-190 km दिन के समय रात्रि में \[{{F}_{2}}\]के साथ विलीन उच्च आवृत्तियो का आंशिक अवशोषण करते हुए भी उन्हें \[{{F}_{2}}\] तक पहुंचने देना
    \[{{F}_{2}}\](थर्मोस्फीयर) रात्रि में 300 km दिन के समय 250-400 km दिन व रात उच्च आवृत्ति तरंगों का दक्षता पूर्वक परावर्तन विशेष कर रात्रि के समय


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