Super Exam Chemistry Metals and Non-metals / धातु और अधातु Question Bank अधातुएं एवं उपधातुएं

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    निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए -
    1. लाल फॉस्फोरस -यह सफेद फॉस्फोरस की अपेक्षा में अधिक स्थिर, कम अभिक्रियाशील होता है।
    2. बैंगनी फॉस्फोरस - यह सभी विलायकों में अघुलनशील है।
    3. काला फॉस्फोरस - फॉस्फोरस के सभी अपररूपों में सबसे अधिक अभिक्रियाशील है तथा यह विद्युत का कुचालक होता है।
    उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

    A) केवल 3

    B) 1 और 3

    C) 1 और 2

    D) 2 और 3

    Correct Answer: C

    Solution :

    उत्तर - 1 और 2
    व्याख्या - लाल फॉस्फोरस (Red Phosphorus) -यह सफेद फॉस्फोरस की अपेक्षा में अधिक स्थिर (More Stable), कम अभिक्रियाशील (Less Reactive) होता है तथा अंधेरे में नहीं चमकता है। लाल फॉस्फोरस से सफेद फॉस्फोरस में परिवर्तन, यदि अक्रिय वातावरण में लाल फॉस्फोरस को 500\[^{o}C\] तक गर्म किया जाये तो काफी मात्रा में वाष्प बनने लगती है। इन वाष्पों को तुरन्त संघनित करने से सफेद फॉस्फोरस बनता है। लाल फॉस्फोरस की संरचना - लाल फॉस्फोरस की संरचना पूर्णरूप से ज्ञात नहीं है। परन्तु उसके पॉलीमेरिक (Polymeric) होने के प्रमाण मिले हैं, जिसमें \[{{P}_{4}}\] चतुष्फलक श्रृंखला बनाते हैं।
    उपयोग- लाल फॉस्फोरस का उपयोग माचिस की तीली (Sticks) तथा उसे रगड़ने वाली सतह पर किया जाता है। इसके अतिरिक्त कीटनाशक, उर्वरक, मीथमफेटामाइन नामक औषधि आदि के निर्माण में भी इसका उपयोग किया जाता है।
    बैंगनी फॉस्फोरस (Violet Phosphorus)- एक बंद नली (Sealed tube) में सफेद फॉस्फोरस को लगभग 530°\[^{o}C\] तक या लाल फॉस्फोरस का लगभग 550\[^{o}C\] तक गर्म करने पर बैंगनी फॉस्फोरस बनता है। जे. डब्ल्यू. हिटॉर्फ (J.W.Hoitrof) द्वारा इसकी खोज किए जाने के कारण इसे हिटॉर्फ फॉस्फोरस भी कहते हैं। यह 300\[^{o}C\]से कम ताप पर वायु में अज्वलनशील है। यह सभी विलायकों में अघुलनशील है तथा केवल हैलोजन वर्ग के तत्वों के साथ ही कम अभिक्रिया करता है।
    काला फॉस्फोरस (Black Phosphorus)- यह रंग-रूप, गुणधर्म एवं संरचना में ग्रेफाइट के समान होता है। इसकी आण्विक संरचना आपस में जुड़े हुए परमाणुओं की शीट के समान दिखती है, जिसमें प्रत्येक परमाणु 3 अन्य परमाणुओं से जुड़े हुए होते है। फॉस्फोरस के सभी अपररूपों में सबसे कम अभिक्रियाशील है तथा यह विद्युत का सुचालक होता है। सफेद फॉस्फोरस को उच्च दाब एवं लगभग 200\[^{o}C\]ताप पर गर्म करने पर काला फॉस्फोरस बनता है।
    उपयोग- काले फॉस्फोरस का उपयोग जलयानों को संकेत भेजने में तथा सेना द्वारा धूम्रपट (Smoke Screen) प्रदर्शित करने में किया जाता है।
    विशेष- फॉस्फीन (\[P{{H}_{3}}\]) - यह फॉस्फोरस का ट्रार्इ हाइड्रायड है। सफेद फास्फोरस को क्षार के साथ गर्म करके फॉस्फीन का निर्माण किया जाता है।यह फॉस्फेट के सड़ने और भूमि में जीवाणुओं द्वारा फॉस्फेट के अपचयन से भी प्राप्त होता है। इसमें \[s{{p}^{3}}\]संकरण होता है।


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