A) पीयूष का ग्रंथि के हॉर्मोन उपापचयी प्रक्रम को नियंत्रित करते हैं।
B) अग्न्याशय के हॉर्मोन ऐसी परिस्थिति उत्पन्न करते हैं।
C) यकृत रक्त शर्करा को तत्काल अवशोषित कर लेता है।
D) ग्लूकोज का आत्मलयन हो जाता है।
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - अग्न्याशय के हॉर्मोन ऐसी परिस्थिति उत्पन्न करते |
व्याख्या - रक्त में शर्करा का सांद्रण स्थिर बने रहने की प्रवृत्ति होती है। यदि अग्न्याशय में किन्हीं कारणों से खराबी आ जाए, तो- इंसुलिन का अतिस्त्रावण (हाइपोग्लाइसीमिया) - शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाने से शरीर कोशिकाएं रुधिर में ग्लूकोज अधिक मात्रा में अवशोषित करने लगती है एवं शरीर में ग्लाइकोमेनेसिस की दर बढ़ जाती है जिससे रुधिर में है ग्लूकोज की कमी हो जाती है। इसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं। सोमेटोस्टेटिन हार्मोन अग्नाशय की डेल्टा कोशिकाओं द्वारा स्त्रावित होता है इसके अलावा यह हाइपोथेलेमस के नियंत्रण में पीयूष ग्रंथि के द्वारा भी स्त्रावित होता है। यह हॉर्मोन इंसुलिन और ग्लूकेगॉन स्त्रावण को रोकता है। हाइपरग्लाइसीमिया में रुधिर में ग्लूकोज की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है। |
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