निम्न कथनों पर विचार करें - |
1. अवनद्घ वाद्य चमड़े से मढ़े रहते हैं और विशेषत: यह ताल के वाद्य होते हैं। |
2. तत् वाद्य अंगुली के आघात प्रत्याघातों द्वारा बजाये जाते हैं। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें |
A) केवल 1
B) केवल 2
C) 1 और 2
D) न तो 1 न ही 2
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - 1 और 2 |
व्याख्या - भारतीय संगीत में 5 प्रकार के वाद्य प्रचलित हैं - |
1. तत वाद्य |
2. तंतु वाद्य |
3. सुषिर वाद्य |
4. अवनद्ध वाद्य |
5. घन वाद्य |
तत् वाद्य - तत् वाद्य वे हैं जो कि नखी, मिजराब या अन्य किसी अंगूठी द्वारा अथवा अंगुली के आघात प्रत्याधातों द्वारा बजाये जाते हैं। |
उदाहरण - तानपूरा, वीणा, सरोद, गिटार, सितार, सुरबहार, रबाब आदि |
तंतु वाद्य - तंतु वाद्य अर्थात तांत, गट लगे हुए वाद्य जो कि गज् की सहायता से बजाये जाते हैं। इनका नाद, गज की लम्बाई के हिसाब से दीर्घकाल तक कायम रहता है। |
उदाहरण - सारंगी, दिलरुबा, बेला तार शहनाई। |
सुषिर वाद्य - सुषिर वाद्य हवा के दबाव के कारण बजते हैं। |
उदाहरण - बांसुरी, अलगोजा, शहनाई, क्लेरियोनेट, पिकलो, हार्मोनियम आदि। |
अवनद्घ वाद्य - अवनद्घ वाद्य कि चमड़े से मढ़े रहते हैं और विशेषत: यह ताल के वाद्य होते हैं। संगत के वाद्यों में पखावज, तबला, ढोलक आदि वाद्य, ताल की आवश्यकता की पूर्ति करते हैं। |
घन वाद्य - घन वाद्य धातुओं द्वारा बने रहते हैं। |
उदाहरण - जलतरंग, झांझ, तासा, मंजीरा, धुंघरू, घंटा |
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