Super Exam General Studies Dance and Music / नृत्य और संगीत Question Bank संगीतकला का सामान्य परिचय (संगीत कला भाग 1)

  • question_answer
    संगीत वाद्ययंत्र के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार करें -
    1. सारंगी मुख्य रूप से नृत्य प्रधान वाद्य यंत्र है।
    2. सारंगी वाद्य यंत्र का प्राचीन नाम सारिंदा है। उपरोक्त में से सत्य कथनों का चुनाव करें

    A) केवल 1

    B) केवल 2

    C) 1 और 2

    D) न तो 1 न ही 2

    Correct Answer: B

    Solution :

    उत्तर - केवल 2
    व्याख्या - पहला कथन असत्य है क्योंकि सारंगी मुख्य रूप से गायकी प्रधान वाद्य यंत्र है। यह शास्त्रीय संगीत का एक ऐसा वाद्य यंत्र है जो गति के शब्दों और अपनी धुन के साथ इस प्रकार से मिलाप करता है कि दोनों की तारतम्यता देखते ही बनती है। मुस्लिम शासन काल में सारंगी नृत्य तथा गायन दरबार का प्रमुख संगीत था। सारंगी वाद्य यंत्र का प्राचीन नाम सारिंदा है जो कालांतर के साथ सारंगी हुआ।
    टिप्पणी -
    सारंगी शब्द हिन्दी के सौ और रंग से मिलकर बना है जिसका मतलब है सौ रंगों वाला।
    सारंगी स्वर और शांति में संबंध स्थापित करती है।
    प्राचीन काल में सारंगी घुमक्कड़ जातियों का वाद्य था।
    सारंगी अलग-अलग प्रकार की होती है। थार प्रदेश में दो प्रकार की सारंगी प्रयोग में लाई जाती हैं। सिंधी सारंगी और गुजरातन सारंगी।
    गुजरातन सारंगी को गुजरात में बनाया जाता है। इसे बाड़मेर व जैसलमेर जिले में लंगा-मगणियार द्वारा बजाया जाता है।
    विशेष - सारंगी अलग-अलग प्रकार की होती है। सभी सारंगियों में लोक सारंगी सबसे श्रेष्ठ है। सारंगी का निर्माण लकड़ी से होता है तथा इसका नीचे का भाग बकरे की खाल से मंदा जाता है। इसके पेंदे के ऊपरी भाग में सींग की बनी घोड़ी होती है। घोड़ी के छेदों में से तार निकालकर किनारे पर लगे चौथे में उन्हें बांध दिया जाता है।


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