A) क्लोन में माता-पिता दोनों के लक्षण पाए जाते हैं।
B) क्लोन अलैंगिक विधि से उत्पन्न किया जाता है।
C) एक समान जुड़वां एक ही जीव के क्लोन होते हैं।
D) एक जीव के दो क्लोन एकसमान नहीं होते हैं।
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - क्लोन अलैंगिक विधि से उत्पन्न किया जाता है। |
व्याख्या - कोशिकाओं अथवा जीवों की ऐसी समष्टि जिनकी उत्पत्ति अलैंगिक रूप से केवल एक जनक के द्वारा हो. क्लोन कहलाती है। सरल शब्दों में किसी भी जीवधारी से उसके जैसा जैसे के जैसा जीवधारी प्राप्त किया जाए, तो इसे क्लोन कहते हैं। क्लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया को क्लोनिंग कहते है। इस प्रकार से किसी क्लोन के सभी सदस्य आनुवंशिकी रूप से अपने जनक तथा एक दूसरे के बिल्कुल समान अथवा प्रतिकृति होते हैं अर्थात DNA का हर एक भाग मूल प्रति के पूर्णत: समान होता है। प्रकति में इस प्रकार का प्रजनन अनेक जीवधारियों में होता आया है किन्तु उच्च श्रेणी के जन्तु, विशेषकर स्तनधारियों में यह प्रक्रिया स्वयं नहीं होती। जुड़वां बच्चों (Identity Twins) को क्लोन का ही एक रूप कहा जा सकता हैं लेकिन पर्णत: नही होते है क्योंकि उनका जन्म एक निषेचित अंडाण अर्थात जाइगोट के प्रथम विभाजन से उपजी प्रथम दो कोशिकाओं के पथक-पथक भ्रड में विकसित होने से होता है। जबकि एक ही जीव के दो क्लोन समान होते हैं। |
विशेष - प्रयोगशाला में किसी जीव के शुद्ध क्लोन को तैयार करने की महत्वपूर्ण विधियां आर्टिफिशियल एम्ब्रियो ट्विनिंग - क्लोन निर्माण का यह निम्न तकनीकी वाली विधि है, जो जनन की प्राकृतिक प्रक्रिया का ही पालन करता है किंतु प्राकृतिक प्रक्रिया से अलग होता है जिसमे प्रक्रिया मां के गर्भ की जगह पेटी डिश में पर्ण होती है। पेट्री डिश में स्पर्म और अंडाणु के संयक्त होने पर विकसित भ्रूण कोशिकाओं को शुरुआती स्टेज में ही पथक कर लिया जाता है। इन भ्रूण कोशिकाओं को अल्प समय तक पेट्री डिश में विकसित होने के पश्चात सरोगेट माता के गर्भ में प्रवेश कराया जाता है। अंतत: एक ही निषेचित ओवम के विभाजित होने से ये दोनों जेनेटिकली एक समान होते है। |
सोमैटिक सेल न्यूक्लीयर ट्रांसफर (SNCT) - वर्तमान द्य समय में क्लोन तैयार करने की आधुनिक तकनीक है। इसके द्वारा भी किसी जीव के क्लोन को तैयार करने की प्रक्रिया को न्यूक्लियर ट्रांसफर भी कहते हैं। इस प्रक्रिया में कायिक कोशिका (Somatic Cell) का किसी जीव बाहर निकालकर उसके केंद्रक को निकाल दिया जाता है। अंडाणु से केंद्रक एवं सारे क्छ। को निष्कासित करके उसमें कायिक कोशिका से पृथक किये गए केंद्रक को निवेशित किया जाता है। जिससे यह नये निषेचित अंडे की तरह विकसित करने लगता हैं। अब निषेचन क्रिया प्रारंभ करने हेतु इन पर विद्युत तरंगें प्रदान की जाती हैं, जिससे कोशिका विभाजन शुरू होने के पश्चात इस प्रक्रिया में पूर्ण विकसित अंडाणु को मादा के गर्भ में आरोपित कराकर क्लोन बनाये जाते हैं। |
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