कथन (A): दोनों गोलाडोर्ं के \[60{}^\circ -65{}^\circ \]अक्षांशों में उच्च दाब की बजाय निम्न दाब पट्टिका होती है। |
कारण (R): निम्न दाब क्षेत्र भूमि पर नहीं बल्कि महासागरों पर स्थार्इ होते हैं। (lAS 2002) |
A) A और R दोनों सही हैं, तथा R, A का सही स्पष्टीकरण हैं।
B) A और R दोनों सही हैं, परन्तु R, A का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
C) A सही है, परन्तु R गलत है।
D) A गलत है, परन्तु R सही है।
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - A सही है, परन्तु R गलत है। |
व्याख्या - दोनों गोलाडोर्ं के \[60{}^\circ -65{}^\circ \]अक्षांशों के मध्य उच्च दाब के साथन में निम्न दाब पट्टिका होती है। इनका विस्तार उत्तर तथा दक्षिण में क्रमश: आर्कटिक तथा अण्टार्कटिक वृत्तों के समीप है। इन पेटियों के सागरतटीय भागों में गर्म जलधाराएं प्रवाहित होती हैं, जिनसे तापक्रम में अचानक वृद्धि हो जाती है तथा वायुदाब निम्न हो जाता है। |
टिप्पणी - इस वायुदाब पेटी का निर्माण पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण हुआ है। तापमान का बहुत ही कम प्रभाव इस निम्न वायुदाब पेटी पर पड़ता है। पृथ्वी की परिभ्रमण गति के कारण उपध्रुवीय भागों में भंवरें उत्पन्न हो जाती हैं जिससे उपध्रुवीय भागों के ऊपर वायु के अभाव के कारण न्यून वायुदाब उत्पन्न हो जाता है, परन्तु इस भाग में अधिक ठंड पड़ने के कारण तापमान की अपेक्षा पृथ्वी की गति को प्रभाव बहुत ही कम रहता है। तापमान की कमी के कारणं ध्रुवों पर उच्च वायुदाब की उत्पत्ति होती है तथा बाहर की ओर वायुदाब निम्न रहता है। |
टिप्पणी - इस वायुदाब पेटी का निर्माण पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण हुआ है। तापमान का बहुत ही कम प्रभाव इस निम्न वायुदाब पेटी पर पड़ता है। पृथ्वी की परिभ्रमण गति के कारण उपध्रुवीय भागों में भंवरें उत्पन्न हो जाती हैं जिससे उपध्रुवीय भागों के ऊपर वायु के अभाव के कारण न्यून वायुदाब उत्पन्न हो जाता है, परन्तु इस भाग में अधिक ठंड पड़ने के कारण तापमान की अपेक्षा पृथ्वी की गति को प्रभाव बहुत ही कम रहता है। तापमान की कमी के कारणं ध्रुवों पर उच्च वायुदाब की उत्पत्ति होती है तथा बाहर की ओर वायुदाब निम्न रहता है। |
You need to login to perform this action.
You will be redirected in
3 sec