A) कलगी - तुर्रा
B) मसाण्या गीत
C) एवं दोनो
D) इनमें से कोई नहीं
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - एवं दोनो |
व्याख्या - निमाड़ क्षेत्र में कलगी - तुर्रा प्रतिस्पर्धात्मक लोक गायन शैली है। यह एक प्राचीन लोक गायकी है जिसका प्रसार निमाड़ क्षेत्र से लेकर मालवा तक है। यह रात्रि के समय लकड़ी एवं तारों से निर्मित वाद्य यंत्र जिसे चंग कहा जाता है, की थाप पर शिव की आराधना में गाया जाता है। मसाण्या गीत - निमाड़ क्षेत्र में आत्मा की अमरता और शरीर की नश्वरता संबंधी पारंपरिक गीत को मसाण्या गीत कहा जाता है, यह गीत समूह में गाए जाते हैं। निमाड़ में इन मृत्यु गीतों को कायाखोज भी कहा जाता है। |
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