A) सान्द्रता बढ़ जाने से तापमान में वृद्धि होती है।
B) सान्द्रता बढ़ जाने से दाब में वृद्धि होती है।
C) सान्द्रता बढ़ जाने से अणुओं के मध्य टक्करों की कुल संख्या बढ़ जाती है।
D) सान्द्रता बढ़ जाने से कोर्इ परिवर्तन नही होता है।
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - सान्द्रता बढ़ जाने से अणुओं के मध्य टक्करों की कुल संख्या बढ़ जाती है। |
व्याख्या - अभिकारक की सान्द्रता का प्रभाव - निश्चित ताप पर, अभिकारकों की सान्द्रता बढ़ाने पर अभिक्रिया की दर भी बढ़ जाती है, क्योंकि अभिकारक अणुओं की सान्द्रता बढ़ जाने से अणुओं के मध्य टक्करों की कुल संख्या बढ़ जाती है। |
टिप्पणी - अभिक्रिया की दर-किसी रासायनिक अभिक्रिया में, एकांक समय में, क्रियाकरको या उत्पादों की सान्द्रता में परिवर्तन, अभिक्रिया की दर (Rate of the Reaction) कहलाता है। |
अभिक्रिया की दर ¾ (अभिक्रिया के फलस्वरूप अभिकारक के सान्द्रण में कमी)/(अभिक्रिया में लगा समय) अथवा अभिक्रिया की दर ¾ (अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पाद के सान्द्रण में वृद्धि)/(अभिक्रिया में लगा समय) |
अभिक्रिया की दर को सामान्यत: मोल प्रति लीटर प्रति सेकेंड (\[mol\,{{L}^{-1}}{{s}^{-1}}\]) में व्यक्त किया जाता है। |
विशेष - अभिक्रिया की दर को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक |
ताप का प्रभाव- ताप बढ़ाने पर अभिक्रिया की दर भी द्य बढ़ती है, क्योंकि ताप वृद्धि से प्रभावी टक्करों की संख्या बढ़ जाती है। |
उत्प्रेरक का प्रभाव- उत्प्रेरक, अभिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा (Ea) का मान कम कर देता है, जिससे सक्रिय अणुओं की संख्या बढ़ जाती है। अत: उत्प्रेरक की उपस्थिति में अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है। अभिकारकों के पृष्ठ क्षेत्रफल का प्रभाव- अभिकारकों का पृष्ठ क्षेत्रफल अधिक होने पर अभिक्रिया की दर भी अधिक होती है। |
प्रकाश का प्रभाव- रासायनिक अभिक्रियाओं की दर, प्रकाश की उपस्थिति में बढ़ जाती है। |
अभिकारक की प्रकृति- जिन अभिक्रियाओ में, अभिकारक अणुओं में बन्धों की संख्या कम होती है, उनकी दर ज्यादा होती है। |
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