सोनालिका व कल्याण सोना, जया व रत्ना किस्में हैं। इससे सम्बंधित नीचे दिए गए विकल्पों में से कूट की सहायता से सही को चुनिए- |
1. तम्बाकू |
2. धान |
3. बाजरा |
4. गेहूं |
कूट: |
A) केवल 1
B) केवल 2
C) केवल 1 और 3
D) केवल 2 और 4
Correct Answer: D
Solution :
उत्तर - केवल 2 और 4 |
व्याख्या - वर्ष 1960 से 2000 तक के वषोर्ं के दौरान गेहूं का उत्पादन 11 मिलियन टन से बढ़कर 75 मिलियन टन हुआ जबकि धान का उत्पादन 35 मिलियन टन से बढ़कर 89.5 मिलियन टन तक पहुंच गया था। इसका मुख्य कारण गेहूं तथा धान की अर्द्ध-वामन किस्मों का विकसित होना है। मैक्सिको पुरस्कार पुरस्कृत नॉरमैन र्इ. बारलौग ने गेहूं की अर्द्ध-वामन (अर्द्ध बौनी) किस्म का विकास किया। यह उसी का परिणाम है कि 1963 में उच्च उत्पादन तथा रोग प्रतिरोधी किस्मों की वंश रेखाएं जैसे सोनालिका तथा कल्याण सोना का विकास कर उन्हें भारत की गेहूं पैदा करने वाले क्षेत्रों में प्रयोग किया गया। अर्द्ध-वामन धान की किस्मों को IR-8 (इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टिट्यूट IRRI, फिलिपींस में विकसित) तथा थाइचुंग नेटिव-1 (तार्इवान से) से विकसित किया गया। 1966 में इन किस्मो को प्रयोग में लाया गया। बाद में और अधिक अच्छा उत्पादन देने वाली अर्द्ध-वामन किस्में धान की जया तथा रत्ना को भारत में विकसित किया गया। |
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