A) कलसा
B) दादर
C) केहरा
D) कानडा
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - केहरा |
व्याख्या - बघेलखंड क्षेत्र का केहरा लोकनृत्य स्त्री और पुरुष दोनों अलग-अलग शैली में नाचते हैं। इसकी मुख्य ताल कहरवा ताल है, इसके साथ बांसुरी की जब मधुर धुन चढ़ जाती है तब पुरुष नर्तकों के हाथ और पैरों की नृत्य गति असाधारण हो जाती है। महिलाओं के हाथों और पैरों की मुद्राओं का संचालन और गति उत्कृष्ट होती है। नृत्य के पहले पुरुष केहरा गाते हैं, नृत्य के समय पर पहुंचने पर मुख्य नर्तक कोई दोहा कहता है। फुरहरी - फुरहरी या फिरहरि केहरा की एक खास मुद्रा है और फिरहरि में स्त्रियां हाथ देकर चकरी लेती हैं। इस लोकनृत्य में नृत्य और संगीत का सामंजस्य लोगों मे इतना जोश भर देता है कि लोग उल्लास के साथ नाचने लगते हैं। |
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