A) भवभूति
B) कालिदास
C) बाणभट्ट
D) भर्तृहरि
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - कालिदास |
व्याख्या - रघुवंशम् कालिदास रचित महाकाव्य है। इसमें 19 सर्ग हैं, जिनमें रघुकुल के इतिहास का वर्णन किया गया है। महाराज रघु के प्रताप से उनके कुल का नाम रघुकुल पड़ा। रघुकुल में ही राम का जन्म हुआ था। रघुवंश के अनुसार दिलीप रघुकुल के प्रथम राजा थे, जिनके पुत्र रघु द्वितीय थे। उन्नीस सर्गों में कालिदास ने राजा दिलीप, उनके पुत्र रघु, रघु के पुत्र अज, अज के पुत्र दशरथ, दशरथ के पुत्र राम तथा राम के पुत्र लव और कुश के चरित्रों का वर्णन किया है। |
प्रथम सर्ग - प्रथम सर्ग राजा दिलीप के चरित्र-वर्णन से प्रारम्भ होता है। पुत्रविहीन राजा दिलीप अपनी पत्नी सुदक्षिणा सहित पुत्र लाभ की कामना से कुल गुरु वसिष्ठ के आश्रम में जाते हैं। वसिष्ठ उनकी व्यथा का कारण जान अपने आश्रम में निवास करने वाली कामधेनु पुत्री नन्दिनी नामक गौ की सेवा का परामर्श देते हैं। |
उन्नीसवां सर्ग - |
उन्नीसवां सर्ग सूर्य वंश के अंतिम नृपति अग्निवर्ण के कामुक जीवन के भरपूर विलास का चित्रण करता है, अत्यधिक विलासी जीवन के परिणाम स्वरूप अग्निवर्ण क्षयरोग से पीड़ित हुआ। रोग के प्रभाव से दिन प्रतिदिन दुर्बल होकर निस्संतान मृत्यु को प्राप्त हुआ। |
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