A) अर्ध-मागधी
B) पाली
C) प्राकृत
D) संस्कृत
Correct Answer: A
Solution :
उत्तर-अर्ध - मागधी |
व्याख्या - धार्मिक जैन साहित्य प्राकृत की विशिष्ट शाखा अर्ध-मागधी में लिखा गया है। इसके बारह अंग अर्ध-मागधी में ही हैं। बाद में जैन धर्म ने प्राकृत भाषा को अपनाया। ये ग्रंथ ईसा की छठी शताब्दी में गुजरात में वल्लभी नामक स्थान पर अंतिम रूप से संकलित किए गए। |
टिप्पणी - चौदह पूर्व प्राचीनतम जैन ग्रंथ हैं। अंतिम नंद राजा के समय में सम्भूतविजय तथा भद्रबाहू जैन संघ के अध्यक्ष थे तथा ये ही महावीर द्वारा प्रदत्त चौदह पूर्वो के विषय में जानने वाले अंतिम व्यक्ति थे। |
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