A) बौद्ध मत
B) जैन मत
C) वैष्णव मत
D) शैव मत
Correct Answer: B
Solution :
उत्तर - जैन मत |
व्याख्या - श्वेतांबर जैन धर्म में दो उपसंप्रदाय मूर्तिपूजक और स्थानकवासी हैं। स्थानकवासी का संबंध श्वेतांबर जैन धर्म से हैं। ये मूर्तिपूजा को नहीं मानते हैं। इसको मानने वाले शास्त्रों और गुरु को मानते हैं। इस संप्रदाय की स्थापना 17 वीं सदी में हुई थी। इसके पूर्व इन्हें अमूर्तिपूजक के नाम से जाना जाता था। इस संप्रदाय के लोगों का मानना है कि जैन शास्त्रों में मूर्तिपूजा का उल्लेख नहीं हैं। |
टिप्पणी - इस समूह को कभी- कभी ढूंढिया अर्थात खोजने वाला भी कहते हैं। इस संप्रदाय को मानने वाले अपनी सभी धार्मिक क्रियाएं मंदिर. जी में न करते हुए इसके लिए नियत स्थान अर्थात जिसे स्थानक कहा जाता हैं, पर करते हैं। |
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