A) इण्डोल-3 ऐसीटिक अम्ल (IAA)
B) साइटोकाइनिन
C) जिबरेलिन
D) ऐथिलीन
Correct Answer: C
Solution :
उत्तर - जिबरेलिन |
व्याख्या - जिबरेलिन्स (Gibbrellins) - ये वे पादप हॉर्मोन होते हैं जो समेकित रूप से प्ररोह के लम्बवत् वृद्धि को बढ़ाते हैं। बौनापन (Dwarfism) को समाप्त करते हैं तथा पाश्र्वीय कलिका (Lateral bud) की वृद्धि करते हैं। जिबरेलिन्स की खोज कुरोसावा (Kurosawal 1926) नामक वैज्ञानिक द्वारा की गर्इ। |
जिबरेलिन्स एक अन्य प्रकार का प्रोत्साहक पी जी आर है। सौ से अधिक जिबरेलिन्स की सूचना विभिन्न जीवों से आ चुकी है जैसे कि कवकों और उच्च पादपों से। इन्हें \[G{{A}_{1}},G{{A}_{2,}}G{{A}_{3}}\]और इसी तरह से नामित किया गया है। सभी जी ए एस (GAs) अम्लीय होते हैं। ये पौधों में एक व्यापक दायरे की कायिकीय अनक्रिया देते हैं। ये अक्ष की लंबार्इ बढ़ाने की क्षमता रखते हैं, अत: अंगूर के डंठल की लंबार्इ बढ़ाने में प्रयोग किये जाते हैं। जिबरेलिन्स सेव जैसे फलों को लंबा बनाते हैं ताकि वे उचित रूप ले सकें। ये जरावस्था को भी रोकते हैं, ताकि फल पेड पर अधिक समय तक लगे रह सकें। जी ए (GA) को शराब उद्योग में माल्टिंग की गति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। गन्ने के तने में कार्बोहाइड्रेट्स शर्करा के रूप में एकत्र रहता है। गन्ने की खेती में जिबरेलिन्स छिड़कने पर तनों की लंबार्इ बढ़ती है। इससे प्रति एकड़ ज्यादा उपज बढ़ जाती है। जी ए छिड़कने पर किशोर शंकुवृक्षों (juvenile conifers) में परिपक्वता तीव्र गति से होती है अत: बीज जल्दी ही तैयार हो जाता है। जिबरेलिन्स चुकंदर, पत्तागोभी एवं अन्य रोजेटी स्वभाव वाले पादपों में बोल्टिंग (Bolting) (पुष्पन से पहले अंत: पर्व का ध्रुवीकरण) (Internode elongation) को बढ़ा देता है। अधिकतर, ABA जिबरेलिन के विपरीत कार्य करते हैं। |
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